अमेरिका में फेसबुक के सामने अब तक का सबसे बड़ा संकट आता दिख रहा है. कंपनी पर एक साथ 46 राज्यों ने मुकदमा ठोक दिया है. यह ऐसा मुकदमा है जिसमें हार मिली तो कंपनी को व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम बेचने को मजबूर होना पड़ सकता है.
हार का मतलब है कंपनी को तोड़कर छोटा करने के प्रस्ताव को मंजूरी और इस तरह फेसबुक को अपने कई एसेट बेचने होंगे. हालांकि अभी मामला कोर्ट में चलेगा. न्यूज एजेंसी राॅयटर्स के मुताबिक संघीय व्यापार आयोग के साथ ही अमेरिका के 50 में से 46 राज्यों फेसबुक पर एक साथ मुकदमा ठोका है.
क्या है मामला
इसमें आरोप लगाया गया है कि फेसबुक ने अपने छोटे प्रतिद्वंद्वियों को खरीद लेने या बर्बाद करने की रणनीति अपनायी है. बुधवार को कंपनी पर दोहरा मुकदमा कायम हुआ है जिसके बाद वह अमेरिका में इस तरह की चुनौती का सामना करने वाली गूगल के बाद दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी हो गई है.
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इसके पहले अक्टूबर माह में अमेरिका के जस्टिस विभाग ने गूगल पर मुकदमा कायम कर आरोप लगाया था कि वह अपने बाजार एकाधिकार का दुरुपयोग कर विरोधियों को काबू करने की रणनीति अपना रही है.
दोनों दलों में सहमति!
इन मुकदमों से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका में इस बारे में आम सहमति बनती दिख रही है कि बड़ी टेक कंपनियों को उनके कारोबारी दस्तूर के मामले में जवाबदेह बनाया जाए और इस बारे में ट्रंप प्रशासन और डेमोक्रेट के बीच भी दुर्लभ तरह की सहमति दिख रही है. कई सांसदों ने गूगल और फेसबुक को तोड़ कर छोटी कंपनियों में बदलने की वकालत की है.
विरोधियों को खरीदने की रणनीति
बुधवार को दायर मुकदमों में खासकर इस बात की शिकायत की है कि फेसबुक अपने प्रतिद्वंद्वियों को खरीद ले रही है. इसमें खासकर फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम की 1 अरब डाॅलर में साल 2012 में हुई खरीद और साल 2014 में 19 अरब डाॅलर में व्हाट्सऐप को खरीद लेने जैसे उदाहरण दिये गये हैं. कहा गया है कि यह सब कंपनी के डेली यूजर्स के धन से किया गया है.