रेटिंग एजेंसी फिच के ग्लोबल इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 12.8 फीसदी की जबरदस्त बढ़त होने वाली है. फिच ने भारत के जीडीपी अनुमान को सुधार दिया है. फिच ने इसके पहले 11 फीसदी की बढ़त का अनुमान जारी किया था.
सभी एजेंसियों के अच्छे अनुमान
इसके पहले मूडीज ने भी साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 12 फीसदी की बढ़त का अनुमान लगाया था. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की अर्थव्यवस्था में अगले साल 11.5% की ग्रोथ रहने की बात कही है. ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन ऐंड डेवलपमेंट (OECD) ने कोविड-19 टीकाकरण के चलते देश की रियल जीडीपी ग्रोथ 12.6% रहने का अनुमान दिया है.
साल 2020-21 की आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष के दौरान 11 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. यह अनुमान रिजर्व बैंक के 10.5 फीसदी वृद्धि के अनुमान से मामूली अधिक है.
मंदी से बाहर निकला देश!
गौरतलब है कि मंदी के दौर का सामना करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए हाल में अच्छी खबर आई थी. केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 0.4 फीसदी की बढ़त हुई है. यानी भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से बाहर निकल गई है.
भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना की वजह से इतिहास में पहली बार तकनीकी रूप से मंदी के दौर में पहुंची थी. जब कोई अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाही गिरावट में रहती है, तो यह मान लिया जाता है कि वह तकनीकी रूप से मंदी के दौर में पहुंच चुकी है.
इस वित्त वर्ष की जून में होने वाली पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट आई. इसके बाद फिर सितंबर की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई.