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अमेरिका को चेतावनी... भारत पर भरोसा, Fitch ने कहा- किसी भी बाहरी झटके से निपटने को तैयार

Fitch Ratings ने अमेरिका के लिए कहा है कि फेड रिजर्व चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई को काबू में करने के लिए एक के बाद एक लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है. यह कदम उपभोक्ता खर्च को इस हद तक कम कर सकता है कि यह 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान मंदी का कारण बन जाएगा.

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फिच ने कहा भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार
फिच ने कहा भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार

भले ही देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) कम हुआ हो और अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय करेंसी रुपया (Rupee Fall) टूटता जा रहा हो, लेकिन फिर भी भारत किसी भी बाहरी झटके से निपटने में सक्षम है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) का ऐसा मानना है. एक ओर जहां फिच ने भारत की तारीफ की है, तो मंदी के बढ़ते जोखिम को लेकर अमेरिका को हाल ही में चेतावनी दी है.  

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भारत की क्रेडिट पर रिस्क सीमित
फिच रेटिंग्स ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका की सख्त मौद्रिक नीतियों (Monetary Policy Tightening) और वैश्विक स्तर बढ़ती महंगाई दर (High Inflation) से निपटने के लिए भारत तैयार है और उसके पास इस तरह के रिस्क के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. एजेंसी के मुताबिक बाहरी दबावों से भारत की क्रेडिट को जो रिस्क है, वह बेहद सीमित है.

गौरतलब है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 10 सप्ताह से जारी गिरावट के बाद आखिरकार बीते 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. Foreign Exchange Reserves में 20.4 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई थी और यह बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. 

पिछले सप्ताह फॉरेक्स रिजर्व में सुधार
भले ही लंबे समय बाद भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार देखने को मिला है. लेकिन अभी भी यह भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य 600 अरब डॉलर के काफी नीचे है. साल 2022 के बीते नौ महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 अरब डॉलर की कमी देखने को मिली है. इसमें गिरावट के सिलसिले के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि विदेशी मुद्रा भंडार बाजार में अनिश्चितता के बावजूद मजबूत बना हुआ है. 

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इस साल आई इतनी गिरावट
पीटीआई के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल लगातार गिरा है. रिपोर्ट में साल की शुरुआत से सितंबर महीने कर का डाटा पेश करते हुए कहा गया कि देश के फॉरेक्स रिजर्व में जनवरी 2022 से सितंबर 2022 के बीच 101 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है. फिच का कहना है कि फिलहाल भारत के पास 533 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी बाहरी झटके से सामना करने के लिए पर्याप्त है. 

अमेरिका के लिए कही थी यह बात
बहरहाल, वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स की ताजा टिप्पणी भारत के लिए बेहद राहत भरी है. ऐसा इसलिए भी है कि फिच समेत तमाम रेटिंग एजेंसियों ने दुनिया की बड़ी-बड़ी इकोनॉमी पर मंदी के बढ़ते जोखिम का बुरा असर पड़ने की आशंका जताई है.

हाल ही में फिच रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि US में चरम पर पहुंची महंगाई और इसे काबू में करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से लगातार ब्याज दरों (Interest Rate) में बढ़ोतरी से देश मंदी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका में मंदी (US Recession) का जोखिम 1990 के पैटर्न की तरह दिखाई दे रहा है. 

 

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