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नए साल में विदेशी निवेशकों ने दिया शेयर मार्केट को झटका, क्यों बिगड़ रहे हालात?

Share Market: एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ग्लोबल अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है, तो भारत इसका अपवाद नहीं होगा. इसलिए फिलहाल वैश्विक स्तर पर निवेशक स्थिति का जायजा ले रहे हैं. घरेलू खुदरा निवेशकों के लिए 2022 थोड़ा निराशाजनक था.

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विदेशी निवेशकों ने की बिकवाली.
विदेशी निवेशकों ने की बिकवाली.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) 2023 के पहले सप्ताह में ही भारतीय शेयर बाजार में सेलर बन गए. इकोनॉमिक डेटा और आईटी शेयरों में तेज बिकवाली के बीच मंदी की आशंका की वजह से विदेशी निवेशकों ने पहले हफ्ते में भारी बिकवाली की है. टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल जैसी प्रमुख टेक कंपनियों की तिमाही की रिपोर्ट अगले सप्ताह आनी है. इससे पहले ही निवेशकों में घबराहट देखने को मिली. 6 जनवरी को समाप्त कारोबारी सप्ताह में भारतीय इक्विटी से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों 5,872 करोड़ रुपये की निकासी की है.

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पहले सप्ताह का आउटफ्लो

NSE के आंकड़ों के अनुसार, 2-6 जनवरी के बीच FPI ने इक्विटी से 5,872 करोड़ रुपये निकाले हैं. कुल मिलाकर 2023 के पहले सप्ताह के दौरान भारतीय बाजारों में 7,908 करोड़ का आउटफ्लो था. साथ ही विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशक (FII) भी पूरे सप्ताह शुद्ध विक्रेता रहे. 2 जनवरी से 6 जनवरी तक, FII ने भारतीय इक्विटी से 7,813.44 करोड़ रुपये निकाले हैं.

शुक्रवार को चालू सप्ताह में FII का आउटफ्लो 2,902.46 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर था. इसके बाद 5 जनवरी और 6 जनवरी को 1,449.45 करोड़ रुपये और 2,620.89 करोड़ रुपये की बिकवाली दर्ज की गई.

सतर्क नजर आ रहे हैं निवेशक

पिछले कुछ समय से विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी मार्केट के प्रति सर्तक नजर आ रहे हैं. इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर मार्केट लाल निशान में बंद हुआ. बीएसई सेंसेक्स 60,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से टूटकर नीचे आ गया. निफ्टी भी 18,000 के स्तर से नीचे गिरकर बंद हुआ. इनफ्लो के मामले में FPI के लिए 2022 का साल सबसे खराब रहा था. FPI ने 2022 में भारतीय इक्विटी बाजार से 1.21 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी.

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रुपये की गिरावट

एक्सपर्ट्स का मानना है कि FPI की शुद्ध बिक्री के लिए मुख्य ट्रिगर प्वाइंट अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरें और भारतीय रुपये में गिरावट रही है. शुक्रवार के कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 15 पैसे बढ़कर 82.47 पर कारोबार कर रहा था. लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में घरेलू मुद्रा 22 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 83 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुई थी. कमजोर घरेलू FPI के निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को खा जाती है. 

आने वाले हैं रिजल्ट

दिसंबर तिमाही के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क हैं. 12 जनवरी को इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और साइएंट और 13 जनवरी को विप्रो सहित कुछ आईटी कंपनियों के रिपोर्ट आ सकती है. एचडीएफसी बैंक 14 जनवरी को दिसंबर तिमाही के नतीजों की रिपोर्ट पेश करने वाला पहला बैंक होगा.

 

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