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फ्रॉड कॉल-SMS पर अंकुश के लिए आएगी नई एजेंसी, जानें क्या होगा काम?

संचार मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में यह तय किया गया कि शीर्ष स्तर पर डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) नाम की एक नोडल एजेंसी की स्थापना की जाएगी. 

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संदिग्ध कॉल, एसएमएस पर अंकुश की तैयारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
संदिग्ध कॉल, एसएमएस पर अंकुश की तैयारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कॉल, SMS से बढ़ रही जालसाजी
  • डिजिटल पेमेंट के फ्रॉड पर भी चिंता
  • नई एजेंसी से मिलेगी अंकुश में मदद

फोन कॉल, एसएमएस आदि के द्वारा की जाने वाली वित्तीय जालसाजी और डिजिटल पेमेंट से जुड़ी जालसाजी को रोकने के लिए सरकार अब एक नई एजेंसी बनाने जा रही है. 

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संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सोमवार को हुई संचार मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में यह तय किया गया कि शीर्ष स्तर पर डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) नाम की एक नोडल एजेंसी की स्थापना की जाएगी. 

क्या करेगी डीआईयू 

संचार मंत्रालय ने बताया कि DIU का मुख्य काम दूरसंचार संसाधन के द्वारा होने वाली किसी तरह की जालसाजी की जांच करने वाली विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों,वित्तीय संस्थाओं और दूरसंचार कंपनियों के बीच समन्वय कायम करना है.  

डीआईयू के अलावा एक टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट ऐंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (TAFCOP) का भी गठन किया जाएगा. सभी 22 टेलीकॉम सर्किल में इसका गठन किया जाएगा. 

और क्या हुए निर्णय 

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) और दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग के जरिए किए जा रहे वित्तीय धोखाधड़ी से कारगर तरीके से निपटने के लिए एक वेब/ मोबाइल एप्लिकेशन और एसएमएस आधारित प्रणाली विकसित की जाएगी. इससे दूरसंचार उपभोक्ताओं को यूसीसी से जुड़े मामलों से जुड़ी अपनी शिकायतें दर्ज कराने में मदद मिलेगी. 

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मोबाइल फोन पर अवांछित संदेशों,एसएमएस के जरिए बार-बार उत्पीड़न किये जाने, धोखाधड़ी वाले लोन,  लेनदेन का वादा करने आदि से जुड़ी उपभोक्ताओं की बढ़ती चिंता और नाराजगी को दूर करने और इन सबसे भी ऊपर डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित और संरक्षित बनाने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं. 

डू-नॉट डिस्टर्ब  में रजिस्ट्रेशन के बाद भी कॉल 

अधिकारियों ने बताया कि यहां तक ​​कि डू-नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा में रजिस्टर्ड ग्राहकों को भी रजिस्डर्ट टेली-मार्केटर्स (आरटीएम) की ओर से मैसेज या फोन मिलना जारी है और इसके अलावा नॉन-रजिस्टर्ड टेली-मार्केटर्स (यूटीएम) भी ​​ग्राहकों को संदेश भेज रहे हैं. 

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में दूरसंचार नियामक TRAI ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि ऐसे अवांछित संचार पर रोक न लगा पाने के लिए कई दूरसंचार कंपनियों पर 30 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है. 

 

 

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