करीब दो वर्षों से अदालतों में मामला चलने के बाद अब फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और अमेजन (Amazon) ने कोर्ट के बाहर मामले को निपटाने का भरोसा दिया है. दोनों पक्ष बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में फ्यूचर ग्रुप और अमेजन के वकील ने कहा कि वे मामले को कोर्ट के बाहर बातचीत से सेटलमेंट के लिए तैयार हैं.
12 दिन का वक्त
दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिन का वक्त दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी. उससे पहले तीनों पार्टियां रिलायंस, अमेजन और फ्यूचर रिटेल मामले को अदालत के बाहर निपटा सकते हैं.
अमेजन के सीनियर वकील गोपाल सुब्रमणियन ने कहा कि हमारे पास एक रास्ता है, जिसके जरिए इसका हल निकाला जा सकता है. फ्यूचर रिटेल की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे और फ्यूचर कूपन की ओर से मुकुल रोहतगी सोल्यूशंस का प्रस्ताव लेकर हाजिर हुए थे.
अदालत के बाहर दोनों पक्ष बातचीत को तैयार
चीफ जस्टिस एन.वी. रमना ने कहा कि अगर आप आपसी सहमति से बीच का रास्ता निकालते हैं तो यह बिजनेस के भी हित में होगा. इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLT) में पहले के तय शेड्यूल की तरह मामले चलेंगे.
इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने बिग बाजार के स्टोर्स का नियंत्रण अपने हाथों में लेना शुरू कर दिया है. पिछले दिनों बिग बाजार के कई स्टोर्स बंद थे. खबर है कि इस मामले में अमेजन कानूनी कार्रवाई कर सकता है.
क्या है Reliance-Future Deal
फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के पास बिग बाजार (Big Bazaar) जैसा बड़ा रिटेल ब्रांड है. वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज देश के रिटेल बाजार में अपना दखल बढ़ाने की इच्छा रखती है. इसी के मद्देनजर दोनों कंपनियों के बीच 29 अगस्त 2020 को 24,713 करोड़ रुपये का एक सौदा हुआ. इस सौदे के पूरे होने के बाद रिलायंस को बिग बाजार के साथ-साथ फ्यूचर ग्रुप के अन्य रिटेल, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक मिल जाएगा.
क्या है Amazon के साथ विवाद
अब इस सौदे में अमेजन के साथ एक पेच फंसा है. दरअसल फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर ग्रुप की ही एक और कंपनी फ्यूचर कूपन्स की हिस्सेदारी है. इस फ्यूचर कूपन्स में 2019 में एमेजॉन ने 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. साथ ही उसे ये अधिकार भी मिला था कि भविष्य में फ्यूचर ग्रुप जब भी कंपनी की हिस्सेदारी बेचना चाहेगा तो अमेजन के पास उसे खरीदने का पहला अधिकार होगा.
यही एक बात किशोर बियानी के फ्यूचर समूह को रिलायंस के साथ सौदों करने से रोकती है. फ्यूचर-रिलायंस डील को रोकने के लिए अमेजन यही कहता आया है कि फ्यूचर ने 2019 के सौदे की शर्तों का उल्लंघन किया है.