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1400 करोड़ के लिए Amazon ने कर दी 26000 करोड़ की कंपनी बर्बाद : Future ग्रुप

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन इंक (Amazon Inc) और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limited) को बातचीत के जरिए मसले को आउट ऑफ कोर्ट सेटल करने की सलाह दी थी. हालांकि दोनों पक्षों के बीच बातचीत से कोई बीच का रास्ता नहीं निकल पाया.

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अब सोमवार को अगली सुनवाई
अब सोमवार को अगली सुनवाई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अब सुप्रीम कोर्ट में 4 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
  • फ्यूचर का तर्क: नहीं थे रेंट भरने के पैसे

भारतीय रिटेल सेक्टर (Indian Retail Sector) में वर्चस्व को लेकर छिड़ा विवाद शांत होता नहीं दिख रहा है. फ्यूचर ग्रुप (Future Group) की कंपनी फ्यूचर रिटेल (Future Retail) और अमेजन (Amazon) के बीच चल रही कानूनी लड़ाई पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई शुरू हुई. इस दौरान दौरान किशोर बियानी (Kishore Biyani) की कंपनी फ्यूचर रिटेल ने आरोप लगाया कि अमेजन उसे बर्बाद करना चाहती थी और इसमें वह सफल रही. कंपनी ने कहा कि महज 1,400 करोड़ रुपये के लिए अमेजन ने 26,000 करोड़ रुपये की कंपनी बर्बाद कर दी.

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सफल नहीं हुआ कोर्ट से बाहर सेटलमेंट का प्रयास

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन इंक (Amazon Inc) और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limited) को बातचीत के जरिए मसले को आउट ऑफ कोर्ट सेटल करने की सलाह दी थी. हालांकि दोनों पक्षों के बीच बातचीत से कोई बीच का रास्ता नहीं निकल पाया. इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने फ्यूचर रिटेल के अधिकांश बिग बाजार स्टोर (Big Bazaar Store) को अपने नियंत्रण में ले लिया. रिलायंस इंडस्ट्रीज का तर्क था कि किशोर बियानी की अगुवाई वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल 4,800 करोड़ रुपये का किराया नहीं दे पाई थी, इस कारण उसके पास स्टोर को अपने कब्जे में लेने के सिवाय कोई और रास्ता नहीं बचा था. इसके बाद से संबंधित पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

अमेजन ने लगाया था रिलायंस-फ्यूचर पर फ्रॉड का आरोप

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अमेजन ने इससे पहले फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऊपर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था. इसके लिए अमेजन ने कई अखबारों में विज्ञापन भी छपवाया था. फ्यूचर ग्रुप ने इसे लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अमेजन के साथ उसकी विवादित डील महज 1,400 करोड़ रुपये की है. अमेजन ने बस इस रकम के लिए 26 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बर्बाद कर दी. अमेजन हमें बर्बाद करना चाहती थी और वह अपनी इच्छा पूरी करने में सफल रही.

हमारे साथ कोई नहीं कर रहा बिजनेस: फ्यूचर 

फ्यूचर रिटेल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के हाथों अपने स्टोर्स के टेकओवर पर कहा, 'हम अब फंदे से लटके हुए हैं. अब कोई हमारे साथ बिजनेस नहीं करना चाहता है. जब हमें लैंडलॉर्ड एविक्शन नोटिस भेज दे, तब हम क्या ही कर सकते हैं? हम अभी तक 835 से ज्यादा स्टोर का नुकसान उठा चुका है. हमारे पास 374 स्टोर बचे हैं और उसे हम दूसरों के रहमोकरम पर चला रहे हैं.

रिलायंस के साथ फ्यूचर की मिलीभगत: अमेजन

अमेजन के वकील गोपाल सुब्रमण्यम (Gopal Subramanian) ने तर्क दिया कि फ्यूचर की एक यूनिट के साथ उनके पक्ष ने 2019 में एक डील की थी. डील में एक क्लाउज था, जो फ्यूचर ग्रुप को अपना रिटेल एसेट उस प्रोहिबिटेड लिस्ट में शामिल किसी भी निकाय को बेचने से रोकता है, जिसमें रिलायंस का भी नाम शामिल है. अमेजन ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि फ्यूचर अपने स्टोर्स को सरेंडर कर रही है. उसने कहा कि फ्यूचर ने बिना किसी आपत्ति के अपने 800 से ज्यादा स्टोर को जाने दिया. यह मिलीभगत है.

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फ्यूचर का तर्क, नहीं थे रेंट भरने के भी पैसे

इसके जवाब में फ्यूचर के वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने कहा कि फ्यूचर रिटेल के पास रेंट भरने के पैसे नहीं थे. उन्होंने कहा, 'हमारे अकाउंट एनपीए बनाए जाने के बाद से फ्रीज हैं. कोरोना लॉकडाउन के कारण रिटेल सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा है. हम लाइसेंस फी भर पाने में असमर्थ थे. 374 स्टोर का लाइसेंस फी 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा है. लैंडलॉर्ड पैसे मांग रहे हैं. अगर वे हमें कोर्ट में घसीटते हैं या खाली करने का नोटिस भेजते हैं, तब हमारे साथ क्या होगा? चूंकि हम रेंट नहीं भर पाए, हमें अंतत: स्टोर सरेंडर करने पड़ गए. एक लिस्टेड कंपनी का ऐसा हाल बना दिया गया.'

अब 4 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

बहरहाल सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में 4 अप्रैल को सुनवाई होगी. फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 3.4 बिलियन डॉलर का सौदा हुए साल भर से ज्यादा समय हो चुका है. हालांकि अमेजन के मुकदमों की वजह से सौदा पूरा नहीं हो पाया है. लंबी खींचतान के बाद महीना भर पहले रिलायंस ने बिग बाजार स्टोर्स को अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया. अमेजन इस टेकओवर पर रोक लगाने की मांग कर रही है.

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