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'रिटेल' में वर्चस्व की जंग, अब सुप्रीम कोर्ट में ही होगा Future-Amazon लड़ाई का अंत!

फ्यूचर ग्रुप और अमेजन के बीच चल रही इस लड़ाई को देश के रिटेल सेक्टर पर वर्चस्व के लिहाज से खासा अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस सेक्टर में मुख्य मुकाबला अमेजन और रिलायंस के बीच है. फ्यूचर रिटेल दोनों पक्षों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिसके पक्ष में ये फैसला जाएगा, उसका वर्चस्व रिटेल सेक्टर में मजबूत हो जाएगा. 

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सुप्रीम कोर्ट अब देगा अपना फैसला
सुप्रीम कोर्ट अब देगा अपना फैसला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अदालत ने दिया था बातचीत से विवाद सुलझाने का मौका
  • अदालत के बाहर बातचीत से नहीं निकला कोई हल

फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और अमेजन (Amazon) के बीच अदालत के बाहर बातचीत से विवाद का हल नहीं निकल पाया है. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट को ही इस मामले में अपना फैसला देना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च से पहले दो पक्षों को अदालत के बाहर बातचीत से विवाद को सुलझाने का मौका दिया था. 

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दरअसल, फ्यूचर ग्रुप और अमेजन के बीच चल रही इस लड़ाई को देश के रिटेल सेक्टर पर वर्चस्व के लिहाज से खासा अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस सेक्टर में मुख्य मुकाबला अमेजन और रिलायंस के बीच है. फ्यूचर रिटेल दोनों पक्षों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिसके पक्ष में ये फैसला जाएगा, उसका वर्चस्व रिटेल सेक्टर में मजबूत हो जाएगा. 

Future-Amazon talks: बता दें, दोनों पक्षों को 15 मार्च तक वक्त दिया गया था, मंगलवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अदालत के बाहर बातचीत असफल रही. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान साफ कर दिया था कि अगर बातचीत से कोई नतीजा नहीं निकलता है तो फिर अदालत न्यायिक रूप से इसपर फैसला सुनाएगी. 

फ्यूचर स्टोर्स ट्रांसफर किए जाने का मामला

वहीं ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट के सामने फ्चूयर रिटेल (Future Retail) के स्टोर्स को रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को ट्रांसफर किए जाने का मामला भी उठाया. अमेजन की तरफ से सीनियर वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि फ्यूचर रिटेल के स्टोर्स रिलायंस को ट्रांसफर किए जा रहे हैं, जो नियम के खिलाफ है. 

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अमेजन के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले में अंतरिम आदेश दिया जाए, ताकि जब तक विवाद का हल न हो, तब तक रिलायंस को फ्यूचर रिटेल की असेट्स ट्रांसफर न हों. कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम राहत के लिए अमेजन को आवेदन देने के लिए अनुमति दे दी है. अब कल यानी 16 मार्च को इस मामले में फिर सुनवाई होगी.  

आरोपों पर फ्यूचर रिटेल का जवाब 
अदालत में अमेजन के आरोपों का जवाब फ्यूचर रिटेल के सीनियर वकील हरीश साल्वे ने दिया. उन्होंने रिलायंस को असेट्स ट्रांसफर करने के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने अदालत को बताया कि बीते दो वर्षों से किराये का भुगतान नहीं किया गया और लैंडलॉर्ड्स ने लीज रद्द कर दी हैं. जिससे फ्यूचर रिटेल आर्थिक तौर पर परेशान है. साथ ही उन्होंने कहा कि रिलायंस को किसी भी प्रकार का असेट्स ट्रांसफर नहीं किया गया है. हरीश साल्वे ने कहा कि अमेजन की वजह से आज फ्यूचर रिटेल तबाह हो गया है. 

एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और दुनिया के दूसरे सबसे रईस इंसान जेफ बेजोस (Jeff Bezos) के बीच मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है. करीब दो वर्षों से अदालतों में मामला चलने के बाद  फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और अमेजन (Amazon) ने कोर्ट के बाहर मामले को निपटाने का भरोसा दिया था. लेकिन अब बातचीत से कोई हल नहीं निकला. 

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इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने बिग बाजार के स्टोर्स का नियंत्रण अपने हाथों में लेना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में पिछले दिनों बिग बाजार के तमाम स्टोर्स बंद थे. जिसके बाद अब अमेजन से रिलायंस पर फ्यूचर स्टोर्स को गलत तरीके से कब्जाने का आरोप लगाया है. 

क्या है Reliance-Future Deal
फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के पास बिग बाजार (Big Bazaar) जैसा बड़ा रिटेल ब्रांड है. वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज देश के रिटेल बाजार में अपना दखल बढ़ाने की इच्छा रखती है. इसी के मद्देनजर दोनों कंपनियों के बीच 29 अगस्त 2020 को 24,713 करोड़ रुपये का एक सौदा हुआ. इस सौदे के पूरे होने के बाद रिलायंस को बिग बाजार के साथ-साथ फ्यूचर ग्रुप के अन्य रिटेल, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक मिल जाएगा.

क्या है Amazon के साथ विवाद
अब इस सौदे में अमेजन के साथ एक पेच फंसा है. दरअसल फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर ग्रुप की ही एक और कंपनी फ्यूचर कूपन्स की हिस्सेदारी है. इस फ्यूचर कूपन्स में 2019 में एमेजॉन ने 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. साथ ही उसे ये अधिकार भी मिला था कि भविष्य में फ्यूचर ग्रुप जब भी कंपनी की हिस्सेदारी बेचना चाहेगा तो अमेजन के पास उसे खरीदने का पहला अधिकार होगा.

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यही एक बात किशोर बियानी के फ्यूचर समूह को रिलायंस के साथ सौदो करने से रोकती है. फ्यूचर-रिलायंस डील को रोकने के लिए अमेजन यही कहता आया है कि फ्यूचर ने 2019 के सौदे की शर्तों का उल्लंघन किया है.  

 

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