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ट्रेडिंग बंद...दिवालिया हो चुकी इस कंपनी को खरीदने की रेस में अंबानी-अडानी, NCLT ने बढ़ा दी है डेडलाइन

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को खरीदने के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और गौतम अडानी की कंपनी रेस में है. NCLT ने दिवालिया समाधान प्रक्रिया को पूरा करने की डेडलाइन को बढ़ा दिया है.

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इस कंपनी को खरीदने की रेस में शामिल हैं गौतम अडानी और मुकेश अंबानी.
इस कंपनी को खरीदने की रेस में शामिल हैं गौतम अडानी और मुकेश अंबानी.

दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail) को खरीदने के लिए गौतम अडानी (Gautam Adani) और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) दाखिल किया है. इन दो दिग्गज उद्योगपतियों समेत 49 कंपनियों या निवेशकों ने भी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को खरीदने में रुची दिखाई है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी की कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) को पूरा करने के लिए फ्यूचर रिटेल को और 90 दिनों का वक्त दिया है. 

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15 जुलाई तक बढ़ी डेडलाइन

NCLT की मुंबई बेंच ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की याचिका को मंजूर करते हुए समयसीमा को बढ़ाकर 15 जुलाई 2023 कर दिया है. फ्यूचर रिटेल के शेयरों की ट्रेडिंग बंद हो चुकी है. इससे पहले शेयर की कीमत 2.83 रुपये थी.

कभी देश के ज्यादातर बड़े शहरों में इसकी रिटेल चेन बिग बाजार (Big Bazar) डंका बजता था, फिर इसके बुरे दिन शुरू हुए और ये फर्म दिवालिया हो गई है. कंपनी की नीलामी प्रक्रिया एक बार पहले भी शुरू हुई थी. लेकिन तब बात नहीं बन पाई थी. अब इसे एक बार फिर से बेचने की प्रक्रिया शुरू हुई है. इस बार 49 दिग्गज कारोबारी ग्रुप्स ने एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट (EOI) दाखिल किया है.

रेस में 49 खरीदार

किशोर बियानी की बिग बाजार वाली फर्म फ्यूचर रिटेल के लिए जो नए एक्सप्रेशंस ऑफ इंट्रस्ट (EOI) सामने आए हैं. उनके मुताबिक, 49 खरीदारों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है. इनमें रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) और Adani Group के अलावा डब्ल्यूएच स्मिथ (WH Smith), जिंदल पावर्स लिमिटेड (Jindal Power Limited) और गॉर्डन ब्रदर्स (Garden Brothers) का इंटरनेशनल कंसोर्टियम JC Flowers शामिल हैं.

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कितना है कर्ज का बोझ?

पिछले साल 2022 में फ्यूचर रिटेल और मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के बीच सौदा लगभग पूरा होने वाला ही था, लेकिन अमेजन के विरोध के बाद डील खटाई में पड़ गई और रिलायंस ने  हाथ पीछे खींच लिए. लेकिन अब फिर इसे दिवालिया कंपनी को खरीदने के लिए होड़ सी लग गई है. फ्यूचर ग्रुप कभी देश का दूसरा सबसे बड़ा रिटेलर फर्म था. बिग बाजार (Big Bazar) वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल (Future Retail) पर अलग अलग क्रेडिटर्स के 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी है.   

रिलायंस ने पीछे खींच लिए थे हाथ

अपना कर्ज चुकाने में विफल रही फ्यूचर रिटेल को इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में इसे खरीदने के लिए सबसे आगे रिलायंस इंडस्ट्रीज आई थी और 24,713 करोड़ रुपये में कंपनी का अधिग्रहण करने का ऑफर किया था, ​लेकिन कई उतार-चढ़ावों के बाद ये सौदा रद्द हो गया था. अब इसे खरीदने के लिए 49  खरीदार मैदान में उतर चुके हैं. 

 

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