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Garlic Price Hike: लहसुन के आगे सारी सब्जियां फेल, क्या पता है ताजा भाव... सुनते ही माथा पकड़ लेंगे!

देश में लहसुन के दाम (Garlic price) में बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं. कुछ ही हफ्तों में इसकी कीमत 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है और इसके दाम अभी और बढ़ने की संभावना है.

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लहसुन के दाम में इजाफा
लहसुन के दाम में इजाफा

बीते कुछ हफ्तों के दौरान लहसुन के दाम (Garlic price) में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिस कारण लोगों का मंथली बजट बिगड़ा है. लहसुन के दाम (Garlic price) में तेज बढ़ोतरी के कारण खुदरा बाजार में इसकी कीमत 300 रुपये से 400 रुपये किलो हो चुकी है, जो कि थोक बाजार में इसकी कीमत 150/250 रुपये प्रति किलो है.

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लहसुन के अलावा चावल और दाल की कीमत (Rice-Dal Price) में भी बढ़ोतरी देखी गई है, जिसने महंगाई (Inflation in India) को और बढ़ा दिया है. वहीं बीते दिनों प्‍याज के दाम भी लोगों को रूला रहे थे, लेकिन अभी प्‍याज की कीमत (Onion Price) कम हुई है. खाद्य पदार्थो के दाम में बढ़ोतरी को लेकर कुछ रिपोर्ट का कहना है कि कटाई के मौसम देरी के कारण खरीफ फसल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है और अभी और बढ़ने की संभावना है. 

लहसुन के दाम में क्‍यों हो रहा इजाफा? 
बेमौसम बारिश ने लहसुन और प्‍याज सप्लाई करने वाले क्षेत्रों को प्रभावित किया है. महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश के साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है. इसके अलावा फसल की कटाई में भी देरी हुई है. समय से नई फसल बाजार में नहीं पहुंचने के कारण लहसुन की आपूर्ति कम हो गई है, जिस कारण इसके दाम बढ़ रहे हैं और अभी आगे भी बढ़ने की संभावना है.

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कीमत कबतक होगी कम? 
बाजार में अभी तक लहसुन की आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है. ऐसे में कुछ व्‍यापारियों का कहना है कि जनवरी के अंत तक खुदरा कीमतें 250-350 रुपये प्रति किलो के आसपास रहने की संभावना है. बाजार में नई फसल आने के बाद ही लहसुन की कीमतों में सुधार होने की संभावना है. अगर आपूर्ति जल्‍द पूरी नहीं होती है तो ये कीमत मार्च तक ऊंचे रह सकती हैं. 

तेजी से दाम बढ़ने की ये रही वजह 
लहसुन की कीमत में लगातार बढ़ोतरी का मुख्य कारण लहसुन की एक फसल का खराब होना और दूसरी फसल की कटाई में लगातार देरी है. गौरतलब है कि लहसुन की पैदावार दो मौसमों खरीफ और रबी में होती है. खरीफ फसल का उत्पादन छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और राजस्थान में किसानों द्वारा किया जाता है. वहीं लहसुन की फसल की रोपाई का दूसरा चरण बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होता है. 

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