फोर्ब्स ने एशिया के सबसे परोपकारी हीरोज की लिस्ट में एशिया के सबसे अमीर शख्स और अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी (Guatam Adani), एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) के शिव नादर (Shiv Nadar), और हैपिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज (Happiest Minds Technologies) के अशोक सूता (Ashok Soota) को शामिल किया है. फोर्ब्स एशिया हीरोज ऑफ फिलैंथरोपी की 16वीं लिस्ट को मंगलवार को जारी किया गया. इन्हें 15 लोगों के एक चुनिंदा समूह में रखा गया है.
लिस्ट में टॉप पर अडानी
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को 60,000 करोड़ रुपये (7.7 बिलियन डॉलर) परमार्थ कार्यों पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है. अडानी के इस कदम से फोर्ब्स ने उन्हें भारत का सबसे उदार परोपकारी लोगों की लिस्ट में टॉप पर रखा है. अडानी द्वारा दिया गए पैसे को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास से जुड़े कार्यों में लगाया जाएगा.
ये फंड अडानी फाउंडेशन के माध्यम से खर्च की जाएगी, जिसे 1996 में स्थापित किया गया था. 60 वर्षीय गौतम अडानी भारत में सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर समूह अडानी ग्रुप के संस्थापक हैं. अडानी ग्रुप का कारोबार पावर, रिटेल समेत कई सेक्टर में फैला हुआ है.
टॉप दानदाताओं में शामिल हैं शिव नादर
सेल्फ मेड अरबपति शिव नादर भारत के टॉप दानदाताओं में गिने जाते हैं. उन्होंने कुछ दशकों में अपनी संपत्ति का लगभग एक बिलियन डॉलर शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कार्यों में खर्च कए हैं. इस वर्ष उन्होंने शिक्षा के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाकर एक न्यायसंगत, मेरिट बेस्ड सोसाइटी बनाने के इरादे से 11,600 करोड़ रुपये ($142 मिलियन) का दान दिया है. शिव नादर फाउंडेशन को 1994 में स्थापित किया गया था. शिव नादर ने फाउंडेशन के माध्यम से कई स्कूलों और विश्विविद्यालय की स्थापना की है.
अशोक सूता भी लिस्ट में शामिल
टेक टाइकून अशोक सूता ने उम्र बढ़ने और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के अध्ययन के लिए मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट को 600 करोड़ (75 मिलियन अमरीकी डालर) देने का वादा किया है. अप्रैल 2021 में इस ट्रस्ट का गठन हुआ था. SKAN (साइंटिफिक नॉलेज फॉर एजिंग एंड न्यूरोलॉजिकल) पार्किंसंस रोग से संबंधित शोध के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान में ब्रेन रिसर्च सेंटर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंस के साथ काम कर रहा है.
ब्रह्मल वासुदेवन और शांति कंडिया
क्वालालंपुर की निजी इक्विटी कंपनी क्रिएडर के फाउंडर और सीईओ मलेशियाई-भारतीय ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी अधिवक्ता पत्नी शांति कंडिया क्रिएडर फाउंडेशन की मदद से मलेशिया और भारत में स्थानीय समुदायों की मदद करते हैं. ये एक NGO है, जिसकी सह-स्थापना 2018 में हुई थी. दोनों ने इस साल मई में एक मेडिकल हॉस्पिटल के निर्माण के लिए 5 करोड़ मलेशियाई रिंगिट (1.1 करोड़ डॉलर) देने की प्रतिबद्धता जताई है.