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Adani Bribery Case: अडानी केस की जांच में US रेग्युलेटर ने भारत से मांगी मदद, ₹2029 करोड़ का है मामला

Adani Bribery Case: अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ कथित 265 मिलियन डॉलर के कथित रिश्वतखोरी मामले में जांच के लिए भारत से मदद मांगी है.

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गौतम अडानी-सागर अडानी
गौतम अडानी-सागर अडानी

भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) और उनके भतीजे सागर अडानी (Sagar Adani) पर लगे कथित रिश्वतखोरी मामले में एक नया खुलासा हुआ है. अमेरिकी रेग्युलेटर द्वारा कोर्ट फाइलिंग में इस बताया गया है कि इस मामले में जांच के लिए अब US Sec ने भारत से मदद मांगी है. रिपोर्ट के मुातबिक, अमेरिकी रेग्युलेटर ने न्यूयॉर्क जिला न्यायालय को बताया है कि गौतम अडानी और सागर अडानी को अपनी शिकायत भेजने के लिए उसके प्रयास जारी हैं. गौरतलब है कि ये पूरा मामला 265 मिलियन डॉलर (करीब 2029 करोड़ रुपये) का है. 

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न्यूयॉर्क कोर्ट फाइलिंग में खुलासा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ कथित धोखाधड़ी और 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी मामले की जांच में भारत सरकार से सहायता का अनुरोध किया है. बीते साल नवंबर 2024 में, अमेरिकी रेग्युलेटर ने Gautam Adani समेत अन्य पर 2020-2024 के बीच राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया था.

US Sec ने कोर्ट में दायर की गई याचिका में न्यूयॉर्क जिला न्यायालय को बताया है कि गौतम अडानी और सागर अडानी (Gautam Adani-Sagar Adani) को अपनी शिकायत भेजने के लिए उसके प्रयास जारी हैं. इसके लिए भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय से मदद मांगी गई है.

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अडानी पर क्या लगाए गए थे आरोप?
अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं. रिपोर्ट में कहा गया था कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ ही 7 सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी.

इसके साथ ही US Sec ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के संस्थापक गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर सैकड़ों मिलियन डॉलर की रिश्वत के बारे में निवेशकों से जानकारी छिपाने का आरोप भी लगाया था. 

अडानी ग्रुप ने आरोपों को किया था खारिज
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के दौरान लगाए गए इन आरोपों पर सफाई देते हुए Adani Group की ओर से इन्हें निराधार बताया गया था. समूह की ओर से दी गई सफाई में कहा गया था कि, 'ये आरोप निराधार हैं. हालांकि, ये सिर्फ आरोप ही हैं, जब तक दोष साबित नहीं हो जाता, तब तक प्रतिवादी निर्दोष माना जाता है. सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे.' कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि अडानी ग्रुप ने हमेशा सभी सेक्टर्स में पारदर्शिता और रेग्युलेटरी नियमों का अनुपालन किया है और करता रहेगा.

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Trump के आते ही मिली थी बड़ी राहत
बता दें कि Donald Trump के अमेरिकी राष्ट्रपति बनते ही गौतम अडानी के लिए हाल ही में एक राहत भरी खबर आई थी. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकी न्‍याय विभाग का फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट 1977 खत्म करने का आदेश दिया था. यह एक ऐसा एक्‍ट है, जिसके तहत बिजनेस को लेकर घूस लेने-देने पर कार्रवाई की जाती थी. इसका मतलब है वे लोग, जो इस तरह के मामले में आरोपी हैं, उनपर से यह केस खत्‍म कर दिया जाएगा.

50 साल पुराने इस एक्ट के खत्‍म होने से भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी, क्योंकि उनके खिलाफ इसी के तहत कार्रवाई की जा रही थी. 

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