
रेमंड (Raymond)... ये नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में शामिल सिंघानिया फैमिली का ये रेमंड ग्रुप एक समय जहां अपने कारोबार को लेकर चर्चा में रहता था, तो वहीं बीते एक दशक में पारिवारिक विवादों के चलते आए दिन सुर्खियों में बना रहता है. फिर बात चाहें कंपनी की एमडी गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) की उनके पिता विजयपत सिंघानिया (Vijaypat Singhania) के साथ विवाद की हो, या फिर उनकी पत्नी नवाज मोदी के साथ तलाक का मामला हो. लेकिन विवादों से परे इस समय रेमंड की चर्चा पिता-पुत्र के मिलाप की हो रही है.
गौतम सिंघानिया ने सोशल मीडिया (Social Media) पर अपने पिता के साथ एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें करीब 9 साल बाद दोनों एक-दूसरे के साथ दिखाई दे रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीते एक दशक में दोनों पिता-पुत्र के बीच जबरदस्त विवाद चल रहा है. आइए बताते हैं...
ऐसे पड़ी थी Raymond Group की नींव
Raymond Group भारतीय क्लोथिंग ब्रांड और फैशन रिटेलर है, जो दुनियाभर में फेमस है. वैसे तो इसकी शुरुआत साल 1925 में एक मिल के रूप में हुई थी और ये कंबल और सेना की वर्दी तैयार करती थी, इसका नाम पहले कुछ और था लेकिन 1940 में कैलाशपत सिंघानिया (Kailashpat Singhania) ने इसे खरीद लिया और इसका नाम बदलकर रेमंड कर दिया. सिंघानिया फैमिली के पास आने के बाद इस मिल में फैब्रिक पर पूरा फोकस किया जाने लगा और जैसे-जैसे ये फेमस होता गया, कारोबार का भी विस्तार होने लगा.
रेमंड का पहला शोरुम साल 1958 में मुंबई में खोला गया था, जिसे जबरदस्त रिस्पांस मिला. इसके बाद सिंघानिया फैमिली ने विदेश से मशीनें आयात करके प्रोडक्शन और बिजनेस में इजाफा किया. साल 1980 में कैलाशपत सिंघानिया ने अपने भतीजे विजयपत सिंघानिया (Vijaypat Singhania) के हाथों में ग्रुप की कमान दे दी. इसके बाद उन्होंने नए आइडियाज और नए प्रोडक्ट्स पर काम करते हुए Raymond को ग्लोबल लेवल पर फेमस कर दिया. धीमे-धीमे भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी रेमंड ब्रांड पहचान बनाता चला गया और विजयपत सिंघानिया देश के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शुमार हो गए.
साल 2015 के बाद ऐसे बदली जिंदगी
सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन उम्र बढ़ने के चलते साल 2015 में विजयपत सिंघानिया ने रेमंड ग्रुप की बागडोर अपने बेटे गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) को सौंपने का ऐलान कर दिया. बस यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई. गौतम सिंघानिया के हाथ में आने के बाद पिता-पुत्र के बीच प्रॉपर्टी को लेकर विवाद की खबरें चर्चा में आने लगीं और 2017 में मामला घर से निकलकर सड़क पर आ गया. दरअसल, मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विजयपत सिंघानिया ने अपने बेटे गौतम सिंघानिया पर साउथ मुंबई में पारिवारिक विवाद के चलते उन्हें जेके हाउस (JK House) से बाहर निकालने का आरोप लगाया.
विजयपत सिंघानिया ने खुद बताई थी आपबीती
ऐसा आरोप विजयपत सिंघानिया ने उस समय ही नहीं, बल्कि कई बार लगाया. उन्हें सार्वजनिक रूप से ये कहते हुए अक्सर देखा गया कि अपने बेटे को सबकुछ देकर उन्होंने एक बड़ी गलती की है. बीते दिनों जब Gautam Singhania-Nawaz Modi के बीच तलाक को लेकर तकरार चल रहा था, उस समय भी विजयपत सिंघानिया अपनी बहू के पक्ष में खुलकर सामने आए थे. नवाज मोदी ने गौतम सिंघानिया को पावर और अहंकार में चूर बताते हुए मारपीट का आरोप लगाया था.
बिजनेस टुडे के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान विजयपत सिंघानिया ने कहा था कि मैंने अपने बेटे को सब-कुछ देकर एक मूर्खतापूर्ण गलती की थी. उन्होंने अपनी आपबीती बताते हुए कहा था कि बेटे द्वारा घर से निकाले जाने के बाद मेरा कोई बिजनेस नहीं है, गौतम कंपनी के कुछ हिस्से देने पर सहमत हुए थे, लेकिन बाद में वह इससे भी पीछे हट गए. मैंने उसे सब कुछ दे दिया, लेकिन गलती से मेरे पास कुछ पैसे बच गए थे, जिन पर मैं जीवन यापन कर रहा था. मैं आज बच गया हूं, नहीं तो मैं सड़क पर होता.
Happy to have my father at home today and seek his blessings. Wishing you good health Papa always. pic.twitter.com/c6QOVTNCwo
— Gautam Singhania (@SinghaniaGautam) March 20, 2024
गौतम सिंघानिया बोले- 'आज अपने पिता को घर...'
Singhania Family में ताजा घटनाक्रम पर गौर करें तो बुधवार को गौतम सिंघानिया ने अपने
ट्विटर अकाउंट (अब X) पर अपने पिता Vijaypat Singhania के साथ एक तस्वीर शेयर की. इसके साथ ही उन्होंने फोटो के कैप्शन में लिखा कि 'आज अपने पिता को घर पर पाकर और उनका आशीर्वाद पाकर खुश हूं. सदैव आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं पापा...' उनकी इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा जोर पकड़ रही है कि आखिर 9 साल बाद दोनों के बीच विवाद खत्म हो गया है.