दवा निर्माता ग्लैंड फार्मा (Gland Pharma) के इन्वेस्टर्स को तगड़ा झटका लगा है. दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के खराब नतीजों का असर कंपनी के शेयरों (Stocks) पर पड़ा है. गुरुवार को शेयर बाजार (Share Market) की शुरुआत के साथ यह टूटने लगा और दोपहर 12.25 बजे तक इसमें 15 फीसदी की बड़ी गिरावट आ चुकी थी.
329 रुपये तक कम हुई कीमत
गुरुवार को खबर लिखे जाने तक ग्लैंड फार्मा का शेयर (Gland Pharma Stocks) 14.82 फीसदी या 329.80 रुपये की गिरावट के साथ 1,895.50 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे. गौरतलब है कि दवा निर्माता Gland Pharma Ltd. ने सितंबर तिमाही के मुनाफे में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की. खराब नतीजों के बाद निवेशकों के सेंटिमेंट पर असर पड़ा है और इसका बड़ा प्रभाव कंपनी के शेयरों की कीमत पर दिखाई दे रहा है.
दूसरी तिमाही में 20% नुकसान
कंपनी की ओर से शेयर बाजारों को दी गई सूचना में बताया गया है कि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए ग्लैंड फार्मा लिमिटेड (Gland Pharma Limited) का शुद्ध लाभ 20.14 फीसदी की गिरावट के साथ 241.24 करोड़ रुपये रहा है. साल 2022 की बात करें तो कंपनी के लिए बेहतर साबित नहीं हुआ है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार की गिरावट के साथ ही ग्लैंज फार्मा के स्टॉक्स में सालाना आधार पर 48 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
ब्रोकरेज फर्मों की ये राय
अब इस भारी गिरावट के बीच निवेशकों के जेहन में ये सवाल उठना लाजिमी है कि इन्हें बेचा जाए, होल्ड किया जाए, या इन्हें कम भाव में खरीदा जाए. तो ब्रोकरेज कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) ने कहा है कि ग्लैंड फार्मा के लिए निकट अवधि का आउटलुक सुस्त नजर आ रहा है, लेकिन प्रोडक्ट पाइपलाइन और नए बाजारों में प्रवेश से मध्यम अवधि में इसमें बढ़त देखने को मिल सकती है. हालांकि, ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2023-25 के लिए ईपीएस अनुमानों को 8-9 फीसदी तक कम करते हुए 'रिड्यूस' रेटिंग बरकरार रखी है.
राजस्व के अनुमान में कटौती
निर्मल बांग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Nirmal Bang Institutional Equities) का मानना है कि ग्लैंड फार्मा के सितंबर तिमाही के नतीजे मिले-जुले रहे, जबकि राजस्व हमारे अनुमान से बेहतर था, जिसका मुख्य कारण आरओडब्ल्यू राजस्व में तेज रिकवरी थी. हालांकि, मार्जिन हमारे और आम सहमति अनुमानों से कम था. निर्मल बांग ने वित्त वर्ष 2023-25 के लिए राजस्व अनुमानों में 2-6 फीसदी तक की, जबकि एबिटा के अनुमानों में 4-11 फीसदी की कटौती की है.