scorecardresearch
 

Go First की दिवालिया अर्जी पर मुहर, यात्रियों के 900 करोड़ रुपये फंसे

ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी TAAI के मुताबिक एडवांस और रिफंड के तौर पर गो फर्स्ट में उनके मेंबर्स के करीब 900 करोड़ रुपये फंस गए हैं. ऐसे में इस संकट से उबरने के लिए ट्रैवल एजेंट्स ने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिं​धिया से मुलाकात करके एक ज्ञापन सौंपा है.

Advertisement
X
गो फर्स्ट की दिवालिया प्रक्रिया की अर्जी NCLT में मंजूर
गो फर्स्ट की दिवालिया प्रक्रिया की अर्जी NCLT में मंजूर

वित्तीय संकट में घिरी एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) की दिवालिया प्रक्रिया की अर्जी को NCLT ने मंजूर कर लिया है. इस फैसले के बाद कंपनी के मैनेजमेंट और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं एयरलाइन की सभी उड़ानों को 19 मई तक के लिए रद्द कर दिया गया है. 6521 करोड़ रुपये की देनदारियां देने में नाकाम गो फर्स्ट के 7 हजार कर्मचारियों को निकालने पर भी NCLT ने रोक लगा दी है. अंतरिम कामकाज के लिए मैनेजमेंट को 5 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इस बीच सबसे ज्यादा में संकट गो फर्स्ट एयरलाइन में एडवांस टिकट बुक करा चुके यात्री हैं. DGCA ने यात्रियों का पैसा जल्द से जल्द वापस करने का आदेश दिया है लेकिन इस पर गो फर्स्ट ने खास कदम नहीं उठाए हैं. ज्यादातर यात्री अभी भी रिफंड का इंतजार कर रहे हैं.

Advertisement

एडवांस बुकिंग के 900 करोड़ फंसे

गो फर्स्ट के दिवालिया प्रक्रिया में जाने से ट्रैवल एजेंट्स भी मुश्किल में फंस गए हैं. ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी TAAI के मुताबिक एडवांस और रिफंड के तौर पर गो फर्स्ट में उनके मेंबर्स के करीब 900 करोड़ रुपये फंस गए हैं. ऐसे में इस संकट से उबरने के लिए ट्रैवल एजेंट्स ने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिं​धिया से मुलाकात करके एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें फंसी रकम की जानकारी दी गई है और पैसा वापस दिलाने में मदद करने की अपील की गई है. TAAI ने रिफंड के लिए बने कानूनों पर पुनर्विचार करने की भी गुजारिश की है. एजेंट्स ने सरकार से डिमांड की है कि गो फर्स्ट को पूरा बकाया फौरन वापस करने का निर्देश दिया जाए. TAAI को आशंका है कि रिफंड ना मिलने पर उद्योग और ग्राहकों की रकम डूब जाएगी.

Advertisement

क्यों फंसी ट्रैवल एजेंट्स की रकम?

ट्रैवल एजेंट्स बजट एयरलाइंस में एडवांस रकम देकर टिकट बुक करा लेते हैं. इसके बाद कम किराए वाली एयरलाइन ट्रैवल एजेंट्स के लिए क्रेडिट शेल बनाती हैं और सभी टिकट उसी में मौजूद रकम से जारी किए जाते हैं. ये पूरा क्रेडिट शेल एयरलाइन के पास ही रहता है. लेकिन अब गो फर्स्ट के दिवालिया प्रक्रिया में जाने से ये सारा क्रेडिट शेल फंस गया है. इस वक्त इतनी बड़ी रकम के फंसे होने की वजह है कि देश का टूरिज्म सेक्टर ऊंची छलांग लगा रहा है. गर्मी की छुट्टियों के कारण इन दिनों एयर ट्रैफिक में तेजी आ जाती है. डिमांड बढ़ने से टिकट महंगे हो जाते हैं और ट्रैवल एजेंट्स इस मांग का फायदा उठाने के लिए एडवांस में टिकट बुक करा लेते हैं. इन छुट्टियों की तैयारियों के मद्देनजर गो फर्स्ट की फ्लाइट्स में TAAI के सदस्यों ने 93 फीसदी तक सीटें बुक की हुईं थीं. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आंकड़ें के हिसाब से उनके करीब 900 करोड़ रुपये गो फर्स्ट के पास फंसे गए हैं.

बजट एयरलाइन के तौर पर लोकप्रिय है गो फर्स्ट

2 मई को फ्लाइट्स रोकने से पहले गो फर्स्ट प्रतिदिन लगभग 200 फ्लाइटस का संचालन कर रही थी. इन उड़ानों में करीब 30 हज़ार यात्री सफर कर रहे थे. गो फर्स्ट के लिए दिल्ली-श्रीनगर, दिल्ली-लेह और मुंबई-गोवा सबसे बिजी रुट्स हैं. ऐसे में इन छुट्टियों के लिहाज से बेहद लोकप्रिय इन डेस्टिनेशंस के लिए इस बार गर्मियों में फ्लाइट्स की संख्या कम हो सकती है. टूर ऑपरेटर्स भी डिमांड कर रहे हैं कि ये खाली स्लॉट्स दूसरी एयरलाइंस को दिए जाएं जिससे उनको नुकसान ना हो. वैसे भी कोरोना के बाद बमुश्किल टूरिज्म सेक्टर संकट से उबरा है. ऐसे में कमाई के इस सीजन में फ्लाइट्स की कमी से यात्रियों का ना आना उनके लिए भारी मुसीबत का सबब बन सकता है.
 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement