देश के सबसे पुराने कारोबार घरानों में शामिल वाडिया ग्रुप (Wadia Group) की एयरलाइंस कंपनी गो-फर्स्ट के बुरे दिन (Go-First Crisis) खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. इस एयरलाइन ने खुद को पहले ही दिवालिया घोषित किया हुआ है और इसके विमानों के फिर से आसमान में उड़ान भरने के लिए की जा रही तमाम कोशिशें लगातार नाकाम हो रही हैं. अब इसमें निवेश के लिए दिलचसपी दिखाते हुए बोली लगाने वाले एक बड़े इन्वेस्टर ने भी अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और पीछे हट गए हैं.
संकट बढ़ाने में अमेरिकी कंपनी का रोल!
अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से इंजन नहीं मिल पाने के कारण Go First के आधे से अधिक विमान बीते साल ग्राउंडेड हो गए थे. रिपोर्ट्स की मानें तो खराब इंजनों के चलते एयरलाइंस के करीब 50 विमान ग्राउंडेड कर दिए गए थे और इसके चलते कंपनी के कैश फ्लो पर बेहद बुरा असर पड़ा, जिसके बाद गो फर्स्ट को मजबूरन अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ा था.
कंपनी के विमान बेड़े में अधिकतर एयरबस एयरक्राफ्ट (Airbus Aircraft) थे और इनमें Pratt & Whitney एयरोस्पेस कंपनी के इंजन का ही इस्तेमाल हुआ था. इन इंजन में खराबी के चलते कंपनी के बेड़े के 50 फीसदी से ज्यादा एयरक्राफ्ट लंबे समय से पार्किंग में खड़े थे और ये बड़ा कारण रहा कि कंपनी को अपना ऑपरेशन तक क्लोज करना पड़ा.
डीजीसीए ने किया है विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द
Go First के संकट ग्रस्त होने के चलते नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने गो फर्स्ट के 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था, जो एक बड़ा झटका था. इसके बाद इस एयरलाइन कंपनी के रिवाइवल के लिए कई कंपनियों ने कमर कसी और इनमें सबसे आगे टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री का बड़ा नाम ईजमाईट्रिप (EaseMyTrip) के सीईओ निशांत पिट्टी (Nishant Pitti) भी थे. जो इस एयरलाइन के लिए प्रमुख बोलीदाताओं में थे. लेकिन बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीसीए की इस कार्रवाई के कुछ हफ्ते बाद 25 मई को ईजमाईट्रिप के को-फाउंडर और सीईओ निशांत पिट्टी ने अपनी बोली वापस ले ली.
निशांत पिट्टी ने इसलिए पीछे हटाए कदम
NCLT दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही गो फर्स्ट एयरलाइंस के फिर से उड़ान भरने की आस जागने लगी थी, लेकिन शनिवार को इसे बड़ा झटका लगा, जब निशांत पिट्टी ने खुद को गो फर्स्ट की बिडिंग प्रोसेस से अलग करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि बेहद सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में गोएयर की बोली से पीछे हटने का फैसला किया है. यह निर्णय मैंने अन्य रणनीतिक प्राथमिकताओं के मद्देनजर लिया है और पहले उन पर बेहतर तरीके से ध्यान देना चाहता हूं.
EaseMyTrip CEO निशांत पिट्टी के मेजॉरिटी स्टेक वाली कंपनी बिजी बी (Busy Bee) ने गो फर्स्ट में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा दिखाई थी. इसके लिए उसने फरवरी में स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह के साथ मिलकर बिड सबमिट की थी. गौरतलब है कि बिजी-बी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड निशांत पिट्टी और अजय सिंह का ज्वाइंट वेंचर है.
कभी देश की पांचवीं बड़ी एयरलाइंस थी
गो फर्स्ट एयरलाइंस (Go First Airlines) की स्थापना भारतीय उद्योगपति नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) के बेटे जेह वाडिया (Jeh Wadia) ने 4 नवंबर 2005 को गो एयर (Go Air) के नाम से की थी. अक्टूबर 2017 में यह 8.4% यात्री बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत की पांचवीं सबसे बड़ी एयरलाइन थी, लेकिन 2 मई 2023 को, गो फर्स्ट एयरलाइंस ने अपने आपको दिवालिया घोषित कर दिया था.