आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स में लाखों फंसा कर भी वर्षों से आशियाने की उम्मीद में बैठे लोगों के लिए राहत की खबर आई है. एनबीसीसी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पूरे कर खरीददारों को सौंपने की ज़िम्मेदारी तो दे दी, लेकिन धन का अभाव बना रहा. इसका भी उपाय एनबीसीसी ने निकाल लिया है. सुप्रीम कोर्ट की निगहदारी में एनबीसीसी आम्रपाली ग्रुप के 5229 फ्लैट्स के अलावा भी कई संपत्तियों की सार्वजनिक नीलामी करेगा. उससे मिलने वाले धन से बाकी अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरे किए जाएंगे. ऑडिट में पता चला है कि फर्जीवाड़ा कर हजारों बेनामी फ्लैट्स की बिक्री दिखाई गई है लेकिन हकीकत में कहीं कुछ नहीं है.
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पहली बार सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नीलामी होगी, जिसके बाद एनबीसीसी से 2023 के आखिर तक 38 हज़ार 159 लोगों को उनका घर मिल जाएगा. नीलामी में इन प्रोजेक्ट्स के तहत आने वाले नर्सरी स्कूल, मार्केट कॉम्प्लेक्स, पौध नर्सरी, मिल्क बूथ जैसी सार्वजनिक इस्तेमाल के उपक्रम भी शामिल हैं.
जिन परियोजनाओं में FAR एरिया का अब तक कोई इस्तेमाल नहीं हुआ है उसे भी नीलाम किया जाएगा. आम्रपाली की नोएडा, ग्रेटर नोएडा सहित बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, सिक्किम, केरल आदि में मौजूद संपत्ति की भी नीलामी होगी. इन जगहों पर आम्रपाली के फ्लैट्स, प्लॉट, कॉरपोरेट इमारतें, अस्पताल जैसे कई अनिर्मित, अर्द्ध निर्मित प्रोजेक्ट्स है.
एनबीसीसी ने इसके अलावा घर बुक करने के बाद अपना बकाया ना चुकाने वालों को भी ताकीद किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में स्थित यूको बैंक की शाखा में रकम जमा कराएं. सूत्रों के मुताबिक आम्रपाली के नोएडा में मौजूद सफायर एक दो, सिलिकॉन सिटी, प्रिंसली एस्टेट, क्रिस्टल होम, हार्ट बीट सिटी, प्लेटिनम, टाइटेनियम और जोडिएक परियोजनाओं के फ्लैट्स नीलामी में बिकेंगे. जबकि ग्रेटर नोएडा में लेजर वैली विला, आदर्श और विरोना के साथ साथ लेज़र पार्क के एक दो और रिवर व्यू के अनबिके फ्लैट्स भी बिकेंगे. गोल्फ होम्स परियोजना में भी यही स्कीम होगी.