अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग का असर अब तक Adani Group पर दिखाई दे रहा है. शेयरों में गिरावट की बात हो या फिर गौतम अडानी की नेटवर्थ की, सभी में कमी आती जा रही है. इस बीच अब अडानी ग्रुप के लिए दो अच्छी खबरें आई हैं. एक ओर जहां हिमाचल प्रदेश में चल रहा 2 महीने पुराना विवाद सुलझा, तो वहीं अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन (APSEZ) ने 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है.
मार्च में और कर्ज चुकाने का वादा
Adani Group ने सोमवार को एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Funds) का 1,500 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने के साथ आने वाले दिनों में और कर्ज का भुगतान करने का वादा भी किया है. पीटीआई के मुताबिक, अगले महीने यानी मार्च 2023 में कंपनी कर्ज भुगतान की योजना के मुताबिक 1,000 करोड़ रुपये और भुगतान करेगी. अडानी पोर्ट्स द्वारा एसबीआई के कर्ज का पेमेंट बिजनेस ऑपरेशंस से मिली राशि से किया गया है.
निवेशकों का भरोसा जीतने की पहल
सोमवार को कंपनी के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कर्ज चुकाने की जानकारी साझा की गई. अडानी ग्रुप के इस कदम को इसे निवेशकों का भरोसा कायम करने की नजर से देखा जा रहा है. बता दें अडानी ग्रुप लगातार अपने इन्वेस्टर्स के बीच वो भरोसा वापस लाने के प्रयास में लगा हुआ है, जो हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट से डगमगाया था. अडानी समूह पर सितंबर 2022 में कुल कर्ज 2.26 लाख करोड़ रुपये था, जबकि उसके पास महज 31,646 करोड़ रुपये की नकदी मौजूद थी.
हिंडनबर्ग ने कराया बड़ा नुकसान
Hindenburg Report पब्लिश होने के बाद से अडानी ग्रुप पर समस्याओं का पहाड़ टूटा था. 24 जनवरी 2023 को जारी की गई रिपोर्ट ने निवेशकों के सेंटिमेंट पर ऐसा विपरीत असर डाला था कि ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में सुनामी आ गई थी और Adani Group का मार्केट कैप 20 दिनों में ही आधा कम हो गया. यही नहीं शेयरों में आई सुनामी के चलते गौतम अडानी की नेटवर्थ में जो गिरावट आई, उससे वो अरबपतियों की लिस्ट में चौथे पायदान से खिसककर अब 25वें नंबर तक पहुंच चुके हैं.
हिमाचल से अडानी के लिए अच्छी खबर
हिंडनबर्ग के भंवर में फंसे Adani Group के लिए सिर्फ ये एक राहत भरी खबर नहीं है, बल्कि इसके साथ और भी अच्छी खबरें आई हैं. हिमाचल प्रदेश में 68 दिनों बाद अडानी समूह (Adani Group) और सीमेंट ट्रक ऑपरेटर यूनियन के बीच चल रहा विवाद सुलझ गया है. सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) की अध्यक्षता में दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई और इसमें नए मालभाड़े की दरें तय की गई हैं. माल भाड़े को लेकर असहमति के बीत 16 दिसंबर 2022 से यहां अंबुजा और एसीसी सीमेंट प्लांट बंद हो गए थे. अब दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है.
विस्तार योजनाओं पर फिलहाल ब्रेक
अपने इन्वेस्टर्स का भरोसा कायम रखने की रणनीति के तहत अडानी ग्रुप कैश बचाने के लिए तमाम उपाय कर रहा है. इसके तहत ग्रुप की विस्तार योजनाओं को भी अभी रोका जा रहा है. पहले अडानी पावर की डीबी पावर के साथ 7000 करोड़ रुपये की डील पर ब्रेक लगाया गया. तो वहीं सोमवार को गौतम अडानी ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए PTC India Limited में हिस्सेदारी के लिए बोली लगाने से खुद को अलग करने का बड़ा फैसला लिया.