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Global Recession: मंदी की मार, अब Google और Apple जैसी कंपनियां उठा रहीं ये कदम

सिलिकॉन वैली की दर्जनों मशहूर कंपनियां मंदी को देखते हुए पहले ही छंटनियां (Lay Offs) कर चुकी हैं. अब गूगल ने अपने कर्मचारियों को आने वाले समय में छंटनी के लिए तैयार रहने को कहा है. वहीं दूसरी ओर ऐपल ने हायरिंग पर फ्रीज (Apple Hiring Freeze) के बाद अब 100 कांट्रैक्ट रिक्रूटर्स को नौकरी से निकाल दिया है.

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बड़ी कंपनियों में छंटनी की मार (Photo: Reuters)
बड़ी कंपनियों में छंटनी की मार (Photo: Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिलिकॉन वैली पर आर्थिक मंदी की मार
  • दर्जनों कंपनियां कर चुकी हैं छंटनी

वैश्विक आर्थिक मंदी (Global Economic Recession) की मार अब गूगल (Google) और ऐपल (Apple) जैसी दिग्गज टेक कंपनियों (Tech Companies) पर भी पड़ने लगी है. सिलिकॉन वैली की दर्जनों मशहूर कंपनियां मंदी को देखते हुए पहले ही छंटनियां (Lay Offs) कर चुकी हैं. अब गूगल ने अपने कर्मचारियों को आने वाले समय में छंटनी के लिए तैयार रहने को कहा है. वहीं दूसरी ओर ऐपल ने हायरिंग पर फ्रीज (Apple Hiring Freeze) के बाद अब 100 कांट्रैक्ट रिक्रूटर्स को नौकरी से निकाल दिया है.

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नई भर्तियों पर पहले से लगी हुई है रोक

इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल के टॉप एक्सीक्यूटिव्स ने खुद कर्मचारियों को छंटनी के प्रति सचेत किया है. रिपोर्ट के अनुसार, एक्सीक्यूटिव्स ने गूगल क्लाउड सेल्स टीम को आगाह किया है कि सेल्स की प्रोडक्टिविटी की छानबीन की जाएगी और अगर अगली तिमाही में परिणाम नहीं सुधरा तो टीम से लोगों को निकाला जाएगा. कंपनी के एक कर्मचारी ने इनसाइडर को बताया कि जब गूगल ने दो सप्ताह के लिए भर्तियां रोक दी थी, तभी से कर्मचारियों के ऊपर छंटनी की तलवार लटक रही है. कर्मचारी के अनुसार, नई भर्तियों पर लगी रोक 02 सप्ताह के बाद भी बरकरार है और यह अच्छा संकेत नहीं है.

सुंदर पिचाई भी कर चुके हैं आगाह

इससे पहले गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने पिछले महीने कर्मचारियों से प्रोडक्टिविटी सुधारने को कहा था. गूगल को लगातार दूसरी तिमाही में उम्मीद से कमतर परिणाम का सामना करना पड़ा है. सुंदर पिचाई के साथ उस बैठक में गूगल के 17 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने भाग लिया था. बैठक के दौरान गूगल सीईओ से पूछा भी गया था कि क्या कंपनी छंटनी करने वाली है, और उन्होंने इस सवाल को कंपनी की चीफ पीपुल ऑफिसर फियोना सिक्कोनी (Chief People Officer Fiona Cicconi) की ओर बढ़ा दिया था. फियोना ने जवाब देते हुए कहा था कि तत्काल छंटनी करने की कंपनी की कोई योजना नहीं है, लेकिन आने वाले समय में इस अनुमान से इनकार भी नहीं किया जा सकता है.

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एनालिस्ट इस कारण बता रहे खतरनाक

दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी ऐपल की बात करें तो कंपनी ने 100 ऐसे कांट्रैक्ट वर्कर्स को काम से निकाला है, जिन्हें नई भर्तियां करने की जिम्मेदारी मिली हुई थी. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐपल ने प्रभावित कर्मचारियों को बताया था कि कंपनी की मौजूदा बिजनेस जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें काम से निकाला जा रहा है. इससे पहले ब्लूमबर्ग ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में बताया था कि दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी ऐपल भर्तियों की रफ्तार कम करने का फैसला लिया है. कंपनी के सीईओ टिम कुक ने अर्निंग कांफ्रेंस कॉल में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की पुष्टि भी की थी. एनालिस्ट इसे मंदी के खतरनाक संकेत मान रहे हैं, क्योंकि ऐपल जैसी बड़ी कंपनियां अपवाद के तौर पर ही छंटनियां करती हैं.

 

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