लंबे समय से आर्थिक संकट में जूझ रही सरकारी दूरसंचार कंपनी महानगर संचार निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की संपत्ति बिकने वाली है. इस बिक्री की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एमटीएनएल की संपत्तियों के मोनेटाइजेशन के लिए सरकार ने वैश्विक संपत्ति सलाहकार कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की हैं. ये सलाहकार कंपनियां एमटीएनएल की संपत्तियों की बिक्री का प्रबंधन करेंगी. जानकारी के मुताबिक निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने संपत्ति सलाहकारों से नौ नवंबर तक वित्तीय बोलियां मांगी हैं.
फ्लैट, अपार्टमेंट और प्लॉटों की बिक्री
सरकार एमटीएनएल के फ्लैट, अपार्टमेंट और प्लॉटों की बिक्री करेगी. इन्हें पांच क्लस्टर में बांटा गया है. एक बयान में कहा गया है कि दीपम का इरादा प्रत्येक पांच क्लस्टर के लिए एक-एक संपत्ति सलाहकार की नियुक्ति करने का है. ये संपत्तियां क्वार्टर (कर्मचारियों के रहने के मकान) के रूप में हैं और मुंबई में स्थित हैं.
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दीपम ने कहा कि चुनी गई सलाहकार कंपनियों को उन्हें आवंटित प्रत्येक संपत्ति के लिए तीन सप्ताह में व्यवहार्यता रिपोर्ट देनी होगी. उन्हें इन संपत्तियों के सौदे के बारे में परामर्श देना और उसे पूरा करना में मदद करनी होगी. एमटीएनएल ने दीपम को मोनेटाइजेशन वाली संपत्तियों की सूची सौंपी है. इनमें तीन जमीन के टुकड़े, दो स्टाफ क्वार्टर और एक टेलीफोन एक्सचेंज के साथ स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं.
सरकार ने उठाया है ये कदम
बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों, सार्वजनिक विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए एमटीएनएल के अलावा बीएसएनएल की सेवाओं के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है. दूरसंचार विभाग ने सभी मंत्रालयों, विभागों, सीपीएसई और केंद्रीय स्वायत्त संगठनों से कहा है कि वे इंटरनेट, ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और लीज्ड लाइन जरूरतों के लिए बीएसएनएल या एमटीएनएल नेटवर्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें.
यह आदेश सरकारी दूरसंचार कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए दिया गया है, जो तेजी से अपने ग्राहक आधार को खो रहे हैं. बीएसएनएल को 2019-20 में 15,500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जबकि इस दौरान एमटीएनएल का घाटा 3,694 करोड़ रुपये रहा.