निजी अस्पताल, कोविड सेंटर, डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम समेत सभी मेडिकल सेंटर अब दो लाख रुपए से ज्यादा की कैश पेमेंट ले सकेंगे. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने ये छूट दी है. ये छूट 31 मई तक लागू रहेगी. हालांकि, कैश पेमेंट की लिमिट तय नहीं की गई है.
दरअसल, इनकम टैक्स कानून की धारा-269ST देश में किसी भी व्यक्ति को 2 लाख रुपए से ज्यादा के नकद लेनदेन को रोकती है. सरकार ने 2017 में ब्लैक मनी के इस्तेमाल को रोकने के लिए ये नियम बनाया था. ये नियम कहता है कि अगर किसी को दो लाख रुपए से ज्यादा का लेनदेन करना है, तो उसे केवल चेक, ड्राफ्ट, नेटबैंकिंग या डिजिटल तरीके से ही किया जा सकता है.
दिल्ली हाईकोर्ट में इसी धारा को निलंबित करने के लिए एक याचिका दायर हुई थी. याचिका मनीषा गुप्ता ने दायर की थी. उनका कहना था कि अस्पताल दो लाख रुपए से ज्यादा की कैश पेमेंट नहीं ले रहे हैं, जिससे मरीजों के इलाज में देर होने जैसी समस्या आ रही है. सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया था कि सरकार इस नियम के तहत छूट देने पर विचार कर रही है.
इसके बाद सीबीडीटी की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के तहत निजी अस्पताल, कोविड केयर सेंटर, नर्सिंग होम समेत सभी मेडिकल सेंटर जहां भी कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है, वहां अब दो लाख रुपए से ज्यादा का कैश पेमेंट कर सकते हैं. ये आदेश 31 अप्रैल तक लागू रहेगा. इस आदेश को 1 अप्रैल से लागू किया गया है. हालांकि, कैश पेमेंट की कोई लिमिट अभी तय नहीं की गई है.
आदेश में कहा गया है कि दो लाख रुपए से ऊपर की कैश पेमेंट के लिए आधार कार्ड या पैन कार्ड देना होगा. आदेश के मुताबिक, मरीज का विवरण, भुगतानकर्ता का पैन या आधार, मरीज और भुगतानकर्ता के बीच रिश्ते की जानकारी लेकर अस्पताल दो लाख रुपए से ज्यादा की कैश पेमेंट ले सकेंगे.
अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज और उनके रिश्तेदारों को पेमेंट को लेकर हो रही समस्याओं को दूर करने के लिए ये फैसला लिया गया है.