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अडानी के गिरते शेयर पर...सरकार, सेबी और RBI का बयान, बताया क्यों नहीं है डरने की जरूरत?

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. टूटते शेयरों की वजह से निवेशकों की टेंशन हर रोज बढ़ रही है. निवेशकों के लिए सरकार से लेकर सेबी तक ने बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट की है.

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अडानी ग्रुप पर सरकार से लेकर रिजर्व बैंक तक ने क्या कहा?
अडानी ग्रुप पर सरकार से लेकर रिजर्व बैंक तक ने क्या कहा?

अडानी ग्रुप (Adani Group) के गिरते शेयरों ने निवेशकों की नींद उड़ा दी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों के टूटने से कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) आधा हो गया है. इस बीच सरकार से लेकर रिजर्व बैंक तक ने बयान जारी कर अपनी स्थिति साफ की है. सेबी ने भी बयान जारी कर शेयर मार्केट की स्थिती पर अपनी बात रखी है. न्यूयॉर्क स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी समूह की कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित कर समूह पर दशकों से स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. 

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पहले भी वापस लिए गए हैं FPO

शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडानी ग्रुप के गिरते शेयरों के मामले पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है. वित्त मंत्री का कहना था कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो दिनों में बढ़कर 8 मिलियन डॉलर हो गया है. FII का और FPO का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अडानी के मामले से भारत की छवि और स्थिति प्रभावित नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि नियामक अपना काम करेंगे. साथ ही ये भी कहा कि पहले भी FPO वापस लिए गए हैं. 

स्थिर है बैकिंग सिस्टम

अडानी ग्रुप के शेयरों के गिरावट के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की सभी बैंकों को निर्देश जारी कर अडानी ग्रुप को दिए गए लोन की जानकारी मांगी है. इसके अलावा निवेशकों की चिंताओं को दूर करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा है कि देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शुक्रवार को कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. यह उसके ओवर ऑल एक्पोजर का सिर्फ 0.88 फीसदी है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने कहा कि अडानी समूह पर उसका कुल 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. 

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निगरानी की व्यवस्था मौजूद

अडानी ग्रुप के गिरते शेयरों पर 4 फरवरी की एक प्रेस विज्ञप्ति में सेबी ने कहा कि हम बाजार के व्यवस्थित और कुशल कामकाज को बनाए रखना चाहते हैं. खास शेयरों में अत्यधिक अस्थिरता को दूर करने के लिए सार्वजनिक रूप से निगरानी की व्यवस्था भी मौजूद है. सेबी ने कहा कि निगरानी की व्यवस्था किसी भी शेयर में कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव होने पर कुछ शर्तों के साथ खुद ही चालू हो जाती है.

अडानी ग्रुप का जवाब

हिंडनबर्ग के आरोप पर अडानी ग्रुप ने जवाब देते हुए कहा था कि रिपोर्ट ‘झूठी धारणा बनाने’ की ‘छिपी हुई 'मंशा’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके. अडानी ग्रुप ने कहा कि इन 88 सवालों में से कई ऐसे हैं, जो कोई नई बात नहीं बताते. ये सिर्फ उन पुरानी बातों को फिर से दोहरा रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया में गलत साबित हो चुके हैं.

 

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