श्रीलंका का आर्थिक संकट लगातार गहराते जा रहा है. इसी बीच श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड कैबराल (Ajith Nivard Cabraal) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ऐसे वक्त में अपने पद से इस्तीफा दिया है जब इस देश में इकोनॉमी की खस्ता हालत को लेकर प्रदर्शनों का दौर तेज हो रहा है. 67 वर्षीय कैबराल ने ट्विटर पोस्ट के जरिए इस्तीफे का ऐलान किया. उन्होंने दूसरी बार यह पद संभालने के सात सात महीने भीतर ही इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने ऐसे समय में अपना पद छोड़ा है जब रविवार को श्रीलंका के केंद्रीय कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके भाई एवं देश के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा नहीं दिया था.
सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने ट्विटर पर लिखा, "सभी कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद मैंने श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को सौंप दिया." कैबराल ने सितंबर, 2021 में रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला था.
कैबराल का दूसरा कार्यकाल
कैबराल सितंबर, 2021 में गवर्नर पद संभालने से पहले भी देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर रह चुके हैं. कैबराल 2006 से 2015 तक श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर थे. इसके अलावा वह देश के वित्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं.
विदेशी कर्ज पर निर्भरता कम करने पर जोर
कैबराल ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान दूसरे देशों से मिलने वाले कर्ज पर निर्भरता कम करने पर जोर दिया था. इतनी ही नहीं श्रीलंका की इकोनॉमी के पटरी से उतरने के बावजूद उन्होंने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से रिलीफ पैकेज लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी. अब कैबराल ने ऐसे समय में पद छोड़ा है जब श्रीलंका में महंगाई दर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.