लोगों के बीच पर्यावरण को लेकर जैसे-जैसे जागरुकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोगों के बीच प्लास्टिक की जगह कपड़े या जूट के बैग और अन्य सामान पॉपुलर हो रहे है. हाल में सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक (Ban on Single Use Plastic) बैन करने के बाद जूट के प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में देश में जूट के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 'Jute Mark India' लोगो लॉन्च किया है.
जूट उत्पादों का आकर्षण बढ़ेगा
राष्ट्रीय जूट बोर्ड (National Jute Board) ने एक बयान में कहा कि जूट मार्क इंडिया (JMI) योजना से पारंपरिक जूट और जूट प्रोडक्ट की मूल उत्पत्ति और गुणवत्ता के बारे में पहचान करना आसान होगा. जेएमआई जूट उत्पादों को लोगों के बीच और पॉपुलर बनाएगी.
इस पहल से निर्यात में आएगा तेजी
लॉन्च के मौके पर कपड़ा सचिव यू. पी. सिंह ने कहा कि ये भारतीय जूट उत्पादों (Indian Jute Products) को बढ़ावा देने और उनकी पहचान की रक्षा करने की एक कोशिश है. इनके सर्टिफिकेशन से लोकल मार्केट के साथ-साथ इंडिया से जूट उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
QR Code से मिलेगी हर जानकारी
'Jute Mark India' लोगो लॉन्च किया जाना जूट के उत्पादों को नई पहचान देगा. अब से उत्पादों पर मौजूद हर जूट मार्क लेबल में एक क्यूआर कोड (QR Code) मौजूद होगा और इसे स्कैन करके ग्राहक निर्माता और इससे जुड़ी अन्य डिटेल्स के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है.
वैश्विक पहचान देने की पहल
राष्ट्रीय जूट बोर्ड केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की नोडल एजेंसी है, जो भारत और विदेशों में जूट और जूट उत्पादों के प्रचार की जिम्मेदारी संभालती है. सरकार अब देश में बने जूट के उत्पादों के प्रति भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों के लोगों को आकर्षित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. Umbrella Scheme के तहत केंद्र ने 485.58 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2022 से 2026 के बीच जूट क्षेत्र के विकास और प्रचार के लिए जेएमआई को लागू किया गया था. वर्ष 2020-21 के दौरान भारत से जूट के सामानों का निर्यात 2,740 करोड़ रुपये का था.