देश के सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) के मुआवजे पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. राज्यों को अगले दो दिन में केंद्र सरकार को औपचारिक जवाब देना है, लेकिन वे इस पेशकश के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं. राज्यों की इस लामबंदी का पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने स्वागत किया है.
केरल और पंजाब सहित सात गैर बीजेपी शासित राज्यों ने इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिये गये विकल्पों को मानने से इनकार कर दिया है. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने भी केंद्र सरकार के विकल्पों को ठुकरा दिया है. विरोध करने वाले राज्यों में दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और केरल शामिल हैं.
क्या है केंद्र की पेशकश
गौरतलब है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हुई थी. वित्त मंत्री ने बताया कि राज्यों को 2 विकल्प दिए गए हैं.
विकल्प 1: रिजर्व बैंक की सलाह से राज्यों को एक विशेष विंडो दिया जाए ताकि वे वाजिब ब्याज दर पर 97,000 करोड़ रुपये रकम उधार हासिल कर पायें. विकल्प 2: राज्य एक विशेष विंडो के द्वारा समूचे जीएसटी कम्पेनसेशन की कमी के बराबर यानी 2.35 लाख करोड़ रुपये का उधार ले सकें. इन दोनों विकल्पों पर राज्यों को 7 दिन के भीतर अपनी राय देने को कहा गया.
पी. चिदम्बरम ने क्या कहा
राज्यों की इस लामबंदी का पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'पंजाब, छत्तीसगढ़, केरल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली के वित्तमंत्रियों को बधाई जिन्होंने जीएसटी मुआवजे पर केंद्र सरकार के फर्जी दोहरे विकल्प को खारिज कर दिया है. जहां तक मुझे जानकारी है, राजस्थान और पुडुचेरी ने भी इन विकल्पों को ठुकरा दिया है.
मुआवजे पर चल रहा बवाल
जीएसटी को 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया. जीएसटी कानून में यह तय किया गया था कि इसे लागू करने के बाद पहले पांच साल में राज्यों को राजस्व का जो भी नुकसान होगा, उसकी केंद्र सरकार भरपाई करेगी. राज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त यानी चार महीने का मुआवजा नहीं मिला है. सरकार ने हाल में वित्त मामलों की स्थायी समिति को बताया है कि उसके पास राज्यों को मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं.
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद फाइनेंस सेक्रेटरी ने बताया कि केंद्रीय सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी मुआवजे के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए, जिसमें मार्च के लिए 13,806 करोड़ रुपये शामिल हैं. 2019-20 के लिए जारी मुआवजे की कुल राशि 1.65 लाख करोड़ है, जबकि उपकर राशि 95,444 करोड़ थी.