जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council Meeting) में एक बड़ा फैसला लिया गया है. मंत्रियों के समूह ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST घटाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे जीएसटी काउंसिल की बैठक में नेक्स्ट मीटिंग के लिए टाल दिया गया है. इसका मतलब है कि अभी भी लोगों को अपने इंश्योरेंस पर पुराने टैक्स रेट के हिसाब से प्रीमियम जमा करना होगा.
GST परिषद की 55वीं बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर प्रीमियम कम करने का फैसला टालने के पीछे वजह बताया गया कि इस पर और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. काउंसिल ने मंत्रियों के समूह (GOM) को अपनी रिपोर्ट को और अधिक व्यापक बनाने के लिए अतिरिक्त जानकारी पेश करने के लिए कहा है. इससे पता चलता है कि GST रेट्स को संशोधित करने या हेल्थ्स और लाइफ इंश्योरेंस से संबंधित प्रीमियम को कम करने पर कोई भी फैसला लेने से पहले मामले को और अधिक जांच की आवश्यकता है.
अभी कितना लगता है जीएसटी रेट्स?
वर्तमान में, स्वास्थ्य बीमा, टर्म लाइफ इंश्योरेंस और यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान 18 प्रतिशत जीएसटी दर के तहत आते हैं. एंडोमेंट प्लान में जीएसटी आवेदन अलग है, पहले वर्ष में 4.5 प्रतिशत और दूसरे वर्ष से 2.25 प्रतिशत की दर से. जीवन बीमा के लिए सिंगल प्रीमियम एन्युटी पॉलिसियों पर 1.8 प्रतिशत जीएसटी दर लागू होती है. ये रेट्स सभी आयु वर्ग पर समान रूप से लागू होती हैं. स्वास्थ्य बीमा पर मंत्रिसमूह (GOM) ने 16 दिसंबर को राज्य और केंद्र सरकार के राजस्व अधिकारियों के समक्ष अपनी सिफारिशें रखी थीं.
क्या की गई थीं सिफारिश?
इन शेयरों पर भी असर होगा!
सोमवार को जब शेयर बाजार खुलेगा तो जीएसटी रेट में कोई बदलाव नहीं करने से हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस देने वाली लिस्टेड कंपनियों के शेयरों जैसे- पॉलिसीबाजार, गो डिजिट और निवा बूपा (Policy Bazaar, Go Digit, Niva Bupa Stocks) पर इसका असर हो सकता है.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)