बीते कुछ महीनों से जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. इस माहौल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति मामले पर जीएसटी काउंसिल ही विचार कर कोई रास्ता निकालेगी. आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल की बैठक अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते में होने वाली है.
क्या कहा वित्त मंत्री ने?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान के मामले में वह अपने पूर्ववर्ती वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा किये गये वादे का सम्मान करेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हम मौजूदा दैवीय संकट में ही क्यों न हों, लेकिन हम राज्यों को किस प्रकार से क्षतिपूर्ति की जाए, काउंसिल बैठक में इस पर चर्चा करेंगे. परिषद इस पर गौर करेगी कि किस प्रकार राजस्व भरपाई के लिये कर्ज लिया जा सकता है.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि यह भुगतान क्षतिपूर्ति उपकर कोष से होना चाहिए.
हम जिम्मेदारी से नहीं हट रहे
वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष को अफवाह फैलाने से बचना चाहिए, हम कोविड-19 के हालात में भी राज्यों का पैसा नहीं रोक रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में केंद्र अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है.’’ वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस की वजह से राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए टैक्स दरें बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहे हैं.
राजस्व में 2.35 लाख करोड़ की कमी की आशंका
चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है. केंद्र का मानना है कि इसमें से 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से आएगी जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी कोविड- 19 महामारी के प्रभाव की वजह से होगी.
6 राज्यों ने किया विरोध
बता दें कि गैर- बीजेपी शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जीएसटी भरपाई के लिये राज्यों द्वारा बाजार से उधार लेने के विकल्प का विरोध किया है. पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु इसे राज्यों पर और बोझ बढ़ाने वाला बताया है.