कोरोना की दूसरी लहर के बीच इकोनॉमी पर पड़ते असर को देखते हुए राज्यों की तरफ से केंद्र द्वारा जीएसटी के बकाए पर फिर से सवाल उठने लगा है. पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लेटर लिखकर यह मांग की है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाई जाए.
अमित मित्रा ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से राज्यों को जीएसटी के मुआवजे के संदर्भ में ‘उल्लेखनीय’ कमी के बारे में चर्चा के लिये जीएसटी परिषद की ‘ऑनलाइन’ बैठक बुलाने की मांग की. उन्होंने इस संदर्भ में निर्मला सीतारमण को लेटर लिखा है.
क्या कहा मित्रा ने
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मित्रा ने कहा है, ‘जीएसटी परिषद की हर तिमाही बैठक की व्यवस्था की गई है, लेकिन दुर्भाग्य से दो बार से इसका पालन नहीं किया जा रहा और लगातार दो तिमाही बैठक ‘ऑनलाइन’ भी नहीं बुलायी गई. मित्रा ने कहा कि परिषद के महत्व को बनाये रखने के लिये पिछले साल अक्टूबर की तरह ऑनलाइन बैठक बुलायी जानी चाहिए.
संघीय संस्था कमजोर!
मित्रा ने पत्र में लिखा है, ‘इससे एक संघीय संस्था कमजोर हुई है. यह ऐसी संस्था है जहां सभी राज्य, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल, क्षेत्र से क्यों न हो, भारत सरकार के साथ बैठकर संबंधित पहलुओं पर चर्चा करते हैं. मुझे आशंका है कि ये बैठकें नियमित रूप से आयोजित नहीं करने से विश्वास की कमी हो सकती है.'
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर में जब राज्यों की आर्थिक हालत खराब हो गई थी, तब केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी बकाये को लेकर काफी आलोचना की जा रही थी.
राज्य लगातार सवाल उठा रहे थे कि केंद्र द्वारा जीएसटी का बकाया न देने की वजह से उनकी आर्थिक हालत खस्ता है. केंद्र सरकार ने कहा था कि खुद उनके खजाने की स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए फिलहाल बकाया नहीं दिया जा सकता. लेकिन केंद्र ने रिजर्व बैंक के सहयोग से राज्यों के लिए लोन की व्यवस्था की थी.