जीएसटी को लेकर केंद्र-राज्य विवाद के बीच अब वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी से राज्यों को होने वाले नुकसान की पूरी भरपाई करने को केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है.
अधिकारियों से मिले संकेतों से ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार इस मामले में अब थोड़ा नरम रुख अख्तियार कर रही है. गौरतलब है कि इससे पहले सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कह चुके हैं कि केंद्र सरकार के पास मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं. इसे लेकर राज्य काफी नाराज हुए थे.
केंद्र ने राज्यों को दिये थे दो विकल्प
जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में वित्त मंत्री ने राज्यों को उधार लेकर अपना काम चलाने के दो विकल्प दिये थे. लेकिन विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकार इस विकल्प को मानने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजे की भरपाई करे.
सभी तरह के नुकसान की भरपाई
राज्यों को अपना जवाब देने के लिए 8 सितंबर तक का समय दिया गया था जो आज खत्म भी हो गया, लेकिन इस मामले में अभी कोई आम सहमति नहीं बन पायी है. अब वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार राज्यों को हुए जीएसटी से नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे यह सिर्फ जीएसटी से हुआ हो या कोविड महामारी से.
पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि राज्यों को कुल जो 2.35 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है उसमें से सिर्फ 97000 करोड़ रुपये ही जीएसटी की वजह से हैं, बाकी नुकसान उनको कोरोना की वजह से है. इसलिए केंद्र ने 97,000 करोड़ रुपये या 2.35 लाख करोड़ रुपये का उधार लेने के दो विकल्प पेश किये थे.
क्या कहा अधिकारियों ने
वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों ने कहा, 'केंद्रीय वित्त मंत्रालय का कभी भी यह रुख नहीं रहा है कि कोविड-19 से राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई न की जाए. केंद्र सरकार हमेशा कहती रही है कि वह राज्यों को पूरा मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्ध है. जीएसटी से हुए राज्यों के नुकसान की पूरी भरपाई की जाएगी.'
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)