वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 16वीं किस्त के तहत 5000 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इसके साथ ही अब तक 95 हजार करोड़ रुपये सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी किए जा चुके हैं.
यह राशि राज्यों को उधारी के रूप में दी जाने वाली 1,06,830 करोड़ रुपये की राशि से अतिरिक्त है. वित्त मंत्रालय ने जीएसटी राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 16वीं साप्ताहिक किस्त के तहत 5000 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
23 राज्यों मिली इतनी राशि
16वीं किस्त के तहत वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई राशि में से 4597.16 करोड़ रुपये 23 राज्यों को और 402.84 करोड़ रुपये की राशि 3 केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई है. केंद्र शासित राज्यों में वह तीन राज्य (दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और पुडुचेरी) हैं, जहां पर विधानसभाएं हैं और यह प्रदेश जीएसटी काउंसिल के सदस्य भी हैं, जबकि बाकी बचे 5 राज्य अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में जीएसटी लागू करने के दौरान राजस्व में कमी नहीं आई है.
हो गई 86 फीसदी भरपाई!
वित्त मंत्रालय का दावा है कि इस किस्त के बाद जीएसटी राजस्व के संग्रह में आई कमी की 86 फीसदी भरपाई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कर दी गई है. इस रकम में से 86729.93 करोड़ रुपये राज्यों को जारी किए गए हैं, जबकि 8270.07 करोड़ रुपये विधानसभाओं वाले 3 केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए हैं.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2020 में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जीएसटी राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए स्पेशल बॉरो विंडो का गठन किया था, जिसके तहत 1.10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की व्यवस्था केंद्र सरकार करा रही है.
केंद्र सरकार, जीएसटी लागू करने में आई राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए, राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 फीसदी अतिरिक्त राशि के रूप में उधार लेने का भी विकल्प दे रही है. इसके लिए सभी राज्यों ने विकल्प-1 का चयन किया है. इसके तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ (राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 फीसदी) की अतिरिक्त उधारी का भी प्रावधान किया गया है.