scorecardresearch
 

BPCL Privatisation Refuse: सरकार का बदला इरादा, मंत्री बोले- अब नहीं बेचेंगे ये बड़ी कंपनी, हो रही है तगड़ी कमाई!

बीपीसीएल, इंडियन ऑयल के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी है. एअर इंडिया (Air India) के साथ-साथ बीपीसीएल का निजीकरण वित्त वर्ष 22 में एनडीए सरकार के विनिवेश कार्यक्रम में शामिल था.

Advertisement
X
BPCL Privatisation News
BPCL Privatisation News

मोदी 3.0 में सरकार का विनिवेश पर फोकस रह सकता है. लेकिन अब सरकार की थोड़ी रणनीति बदली हुई नजर आ रही है. जिस ऑयल कंपनी के विनिवेश को लेकर पिछले कार्यकाल में सरकार जोर-शोर से जुटी थी. अब सरकार का रुख बदल गया है. पेट्रोलियम मंत्रालय संभालते ही हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि फिलहाल BPCL को लेकर विनिवेश का कोई इरादा नहीं है.

Advertisement

विनिवेश के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ऑयल एंड गैस PSU से 19-20 फीसदी रेवेन्यू मिलता है. इसलिए अब BPCL में विनिवेश का कोई इरादा नहीं है. आगे एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन पर फोकस करने की योजना है. जल्द ही ऑयल प्रोडक्शन बढ़ाकर 45,000 बैरल प्रतिदिन किया जाएगा.

BPCL को लेकर सरकार ने बदला फैसला 

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्रूड की कीमत 75-80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचने पर ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों कटौती की संभावना है. हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि BPCL ग्रीनफील्ड रिफाइनिंग तैयार करने के एडवांस स्टेज में है. पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का प्रयास होगा. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करना अभी मुश्किल है.

उन्होंने कहा, 'सरकार PSU तेल कंपनियों के विनिवेश के पक्ष में नहीं है. फिर BPCL जैसे सफल महारत्न का विनिवेश क्यों करेंगे.' उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन, रिफाइनरी, एथेनॉल वगैरह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. 

Advertisement

बता दें, बीपीसीएल को वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ हुआ था. बीपीसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 4,789.57 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल के समान तिमाही से 30% कम है. पिछले साल समान तिमाही में कंपनी का लाभ 6,870.47 करोड़ रुपये रहा था. 

पिछले साल भी विनिवेश के पक्ष में थी सरकार 

गौरतलब है कि बीपीसीएल, इंडियन ऑयल के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी है. एअर इंडिया (Air India) के साथ-साथ बीपीसीएल का निजीकरण वित्त वर्ष 22 में एनडीए सरकार के विनिवेश कार्यक्रम में शामिल था. केंद्र ने BPCL में अपनी पूरी 52.98% हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी, जिससे वित्त वर्ष 2022 में अनुमानित 45,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी.

यही नहीं, सरकार ने इसके लिए मार्च 2020 में रुचि पत्र (ईओआई) या शुरुआती बोलियां आमंत्रित की थीं. मार्च 2021 तक इस प्रक्रिया को पूरा करने की योजना थी. लेकिन कोविड की वजह से विनिवेश का फैसला टल गया था. 

कारोबार के अंत में BPCL के शेयर एनएसई पर 5.95 अंक यानी 0.99 फीसदी बढ़कर 607 रुपये पर बंद हुआ. आज इस शेयर का हाई 612.70 रुपये और लो 593.60 रुपये रहा. इस तेजी के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप करीब 132,259 करोड़ रुपये पहुंच गया. 

Advertisement

BPCL के शेयरों में 1 हफ्ते में 5.14 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. जबकि पिछले 1 महीने में ये स्टॉक 1.40 फीसदी टूटा है. हालांकि इस साल में अबतक शेयर ने  35.32 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं एक साल में इस शेयर ने 70 फीसदी और 3 साल में 25.99 फीसदी रिटर्न दिया है.

Live TV

Advertisement
Advertisement