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विलय का साइडइफेक्ट, HDFC और HDFC Bank में लगातार 7 दिन से गिरावट

अभी दोनों के बोर्ड ने भले ही मर्जर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हो, लेकिन इस सौदे को पूरा होने के लिए अभी कई नियामकीय मंजूरियों की जरूरत पड़ने वाली है. दोनों कंपनियों ने बताया कि इस मर्जर को अभी विभिन्न नियामकों की मंजूरियां मिलनी बाकी हैं.

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लगातार गिर रहे स्टॉक
लगातार गिर रहे स्टॉक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिछले सप्ताह सोमवार को हुआ मर्जर का ऐलान
  • बैंकिंग सेक्टर के सबसे बड़े M&A डील में से एक

बीते सप्ताह भारत के बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में अब तक के सबसे बड़े विलय में से एक का ऐलान हुआ. भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC Bank और सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी (HDFC Ltd) विलय की राह पर आगे बढ़ चुके हैं. दोनों कंपनियों के बोर्ड ने पिछले सप्ताह सोमवार को हुई अलग-अलग बैठक में इससे संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दे दी. अब कुछ नियामकीय मंजूरियां मिलते ही दोनों आपस में मिल जाएंगे. हालांकि यह सौदा शेयर मार्केट (Share Market) को रास नहीं आया है. मर्जर का ऐलान होने के बाद पहले दिन तो दोनों के शेयरों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली, लेकिन उसके बाद लगातार 7 दिनों से दोनों स्टॉक गिरे जा रहे हैं.

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आज 7वें दिन भी दोनों में गिरावट

आज भी बीएसई (BSE) पर एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के शेयर गिरे हुए हैं. दोपहर के 12 बजे के आस-पास एचडीएफसी का स्टॉक 1.40 फीसदी और एचडीएफसी का स्टॉक 1.30 फीसदी के करीब गिरा हुआ था. एचडीएफसी बैंक का शेयर पिछले सप्ताह सोमवार को मर्जर के ऐलान के बाद 1,656.80 रुपये पर पहुंच गया था. बीते सात दिनों में इस स्टॉक में अब तक 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. इसी तरह एचडीएफसी का शेयर पिछले सप्ताह सोमवार को 2,680.05 रुपये पर था, जो अभी तक करीब 11 फीसदी नीचे आ चुका है.

डील होने पर ऐसे बदलेंगे शेयर

अभी एचडीएफसी बैंक में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन की 21 फीसदी हिस्सेदारी है.  इस डील के तहत HDFC Limited के शेयरहोल्डर्स को 2 रुपये फेस वैल्यू वाले 25 शेयरों के बदले HDFC Bank के 42 शेयर मिलेंगे, जिनकी फेस वैल्यू 1 रुपये होगी. मर्जर हो जाने के बाद HDFC Bank 100 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग वाली कंपनी बन जाएगी. मर्जर के बाद HDFC Bank में HDFC Limited के पास 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी.

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इन नियामकों की मंजूरी बाकी

अभी दोनों के बोर्ड ने भले ही मर्जर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हो, लेकिन इस सौदे को पूरा होने के लिए अभी कई नियामकीय मंजूरियों की जरूरत पड़ने वाली है. दोनों कंपनियों ने बताया कि इस मर्जर को अभी विभिन्न नियामकों की मंजूरियां मिलनी बाकी हैं. इस विलय के लिए दोनों कंपनियों को RBI, SEBI, CCI, National Housing Bank, IRDAI, PFRDA, NCLT, BSE, NSE आदि से मंजूरी लेनी होगी. इसके अलावा दोनों कंपनियों को अपने-अपने शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स से भी मंजूरी प्राप्त करनी होगी.

 

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