रक्षा मंत्रालय ने विदेशों से हथियार खरीद का पेमेंट करने के लिए 3 नए बैंकों को मंजूरी दे दी है. अभी तक देश में केवल सरकारी बैंकों के माध्यम से ही रक्षा खरीद सौदों के लिए पेमेंट किया जाता रहा है. अब ये तीनों बैंक प्राइवेट सेक्टर के होंगे.
HDFC Bank और ICICI Bank का लगा नंबर
सरकार ने जिन 3 प्राइवेट बैंक को इस काम के लिए चुना है. उनमें HDFC Bank और ICICI Bank जैसे नाम शामिल हैं. वहीं इस काम को करने वाला तीसरा प्राइवेट बैंक Axis Bank होगा. इस मंजूरी के मिलने के बाद ये तीनों बैंक सैन्य साजो-सामान की विदेशों में खरीद के लिए वित्तीय सेवाएं दे सकेंगे. डिफेंस डील के पेमेंट के लिए क्रेडिट लेटर्स जारी कर सकें या सीधे बैंक ट्रांसफर भी कर सकेंगे.
रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
पीटीआई की खबर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कुछ चुनिंदा बैंकों को 2000 करोड़ रुपये तक के कारोबार (डिफेंस डील) के लिए लेटर्स ऑफ क्रेडिट जारी करने की अनुमति दी जा सकती है. इस अनुमति के हिसाब से बैंक हर साल पूंजी और राजस्व दोनों ही मोर्चों पर 666 करोड़ रुपये आवंटित कर सकते हैं.
मंत्रालय का कहना है कि इस काम को लेकर प्राइवेट बैंकों के परफॉर्मेंस की नियमित तौर पर निगरानी की जाएगी. ताकि समय की मांग और जरूरत के हिसाब से आगे के कदम उठाए जा सकें. अभी तक देश में सिर्फ सरकारी बैंक ही रक्षा सौदों के लिए पेमेंट सुविधा देते आए हैं.
भारत विदेश से करता है बड़ी रक्षा खरीद
भारत बड़े पैमाने पर विदेशों से सैन्य साजो-सामान की खरीद करता है. इसमें भी रूस, अमेरिका, फ्रांस और इस्राइल जैसे देशों के साथ कई बड़ी सैन्य डील हो चुकी हैं. हाल में भारत ने रक्षा हथियारों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. इसमें प्राइवेट सेक्टर की भी कई कंपनियों को जोड़ा है. भारतीय सेना घरेलू स्तर पर बने हथियार ज्यादा से ज्यादा उपयोग करे, इसके लिए सरकार ने स्वदेशी रक्षा कार्यक्रम तैयार किया है.
क्या है स्वदेशी रक्षा कार्यक्रम?
केंद्र सरकार भारत की तीनों सेनाओं को विदेशी हथियारों से मुक्त करना चाहती है. केंद्र सरकार ने विदेशी हथियारों की खरीद-फरोख्त पर अब रोक लगाने की पूरी तैयारी कर ली है. करीब 70 फीसदी रक्षा उपकरणों का स्वदेशीकरण किया जा चुका है. यानी भविष्य में तीनों सेनाओं को देश में बने राइफल्स, टैंक्स, मिसाइलें, हेलिकॉप्टर, यूएवी, ड्रोन्स आदि मिलेंगे. इस कार्यक्रम के तहत चार तरह से हथियारों का स्वदेशीकरण किया जाएगा. सरकार मेक-1, स्पेशल पर्पज व्हीकल, आईडीईएक्स और मेक-2 के तहत रक्षा उपकरण और हथियार तैयार करेगी. इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने और विदेशों को हथियार निर्यात करने की योजना भी शामिल है.