मोदी सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में 35.4% ज्यादा कैपिटल एक्सपेंडीचर करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन क्या ज्यादा सरकारी खर्च से अर्थव्यवस्था को वैसा लाभ मिलेगा, जैसा सरकार का मानना है. इस बारे में HDFC Limited के वाइस चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने बिजनेस टुडे के Brainstorm Budget 2022 में अपनी बात रखी.
बजट का लक्ष्य ग्रोथ पर
केकी मिस्त्री का कहना है कि अगर सरकार को अर्थव्यवस्था में वृद्धि वापस लाने पर जोर देना है तो उसे अर्थव्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा खोलने, ज्यादा नौकरियां देने और आम लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा पहुंचाने पर ध्यान देना होगा. और इस बारे में मिस्त्री का मानना है कि सरकार ने बजट में ग्रोथ को लक्ष्य बनाया है.
सरकारी खर्च से पैदा होंगी नई नौकरियां
केकी मिस्त्री ने कहा कि बजट में ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कैपेक्स (कैपिटल एक्सपेंडीचर) पर जोर दिया गया है. अगर सरकारी खर्च बढ़ता है तो मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगी, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ेगा. इससे नई नौकरियां पैदा होंगी, लोगों के हाथ में पैसा आएगा और बाजार में डिमांड बढ़ेगी. इससे फिर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगी और अल्टीमेटली इकोनॉमी में रिवाइवल देखा जा सकेगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार इतनी बढ़ी मात्रा में निवेश करेगी, तो निश्चित तौर पर बाजार में निजी निवेश भी बढ़ेगा. इस साल के बजट में सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
कार्यक्रम में बजट 2022 को लेकर मार्केट एक्सपर्ट अरविंद सेंगर ने भी अपनी राय रखी. जियोस्फीयिर कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर सेंगर ने कहा कि चुनाव के बीच भी सरकार ने वित्तीय अनुशासन का पालन किया, कोई भी पॉपुलिस्ट घोषणा नहीं की. ये बजट का पॉजिटिव साइन है. वहीं सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्वर पर निवेश के अपने फोकस को बरकरार रखा है.
ये भी पढ़ें: