अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए साल 2023 की शुरुआत बेहद खराब रही थी. पहले ही महीने 24 जनवरी 2023 को अमेरिका की एक शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने (Hindenburg) ने अडानी ग्रुप को लेकर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की और गौतम अडानी (Gautam Adani) का साम्राज्य हिल गया. दो महीने के भीतर ऐसी उथल-पुथल मची कि, अडानी ग्रुप ने एक के बाद एक कई डील्स रद्द कर दीं. हर बीतते दिन के साथ हुए नुकसान के चलते अडानी की नेटवर्थ 60 अरब डॉलर तक कम हो गई. हालांकि, बीते कुछ महीनों से अडानी के शेयरों में तेजी देखने को मिली, लेकिन हिंडनबर्ग का असर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. इसका अंदाजा अडानी रोड ट्रांसपोर्ट द्वारा 3000 करोड़ की डील रद्द होने से लग रहा है.
3110 करोड़ रुपये की थी डील
बिजनेस टुडे के मुताबिक, Adani Group की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी अडानी रोड ट्रांसपोर्ट (Adani Road Transport) ने स्वर्ण टोल-वे प्राइवेट लिमिटेड (STPL) और गुजरात रोड एंड इंफ्रा लिमिटेड (GRICL) के साथ किये शेयर पर्चेज एग्रीमेंट को रद्द कर दिया है. अडानी ग्रुप की ये डील करीब 3,110 करोड़ रुपये की थी.
कंपनी की ओर से बीते साल अगस्त 2022 में इस सौदे का ऐलान किया गया था. जब इस बड़ी डील की खबर सामने आई थी, तब अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) कमाई के मामले में दुनिया के तमाम अमीरों को पीछे छोड़ रहे थे. सितंबर 2022 में उनकी संपत्ति 150 अरब डॉलर के आस-पास पहुंच गई थी और वे दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों (Top-10 Billionaires) लिस्ट में दूसरे पायदान तक पहुंच गए थे.
पहले रद्द हो चुके हैं ये बड़े सौदे
Hindenburg के प्रकोप के बीच अडानी ग्रुप ने जिन बड़ी डील्स को रद्द किया. उनमें डीबी पावर (DB Power) को खरीदने का प्लान भी शामिल है. इस सौदे का ऐलान भी बीते साल अगस्त महीने में ही किया गया था औऱ ये 7017 करोड़ रुपये का सौदा था. पावर सेक्टर में अडानी ग्रुप की ओऱ से की जाने वाली ये दूसरी सबसे बड़ा अधिग्रहण होता. दोनों कंपनियों के बीच जो करार हुआ था, उसके तहत ये डील 31 अक्टूबर, 2022 तक कंप्लीट होनी थी.
डीबी पावर डील कैंसिल होने के बाद, अडानी ग्रुप ने सीके बिड़ला समूह (CK Birla Group) की फर्म ओरिएंट सीमेंट (Orient Cement) के साथ भी सौदे को रद्द कर दिया था. अडानी पावर महाराष्ट्र लिमिटेड (APML) के साथ नॉन-बाइंडिंग MoU हुआ था, जिसे कैंसिल कर दिया गया था. अब एक बार फिर अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी ने 3110 करोड़ की डील से हाथ पीछे खींच लिए हैं.
अगस्त 2022 में हुआ था ये एग्रीमेंट
गौतम अडानी की कंपनी Adani Enterprises की ओर से स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक, चार अगस्त 2022 को शेयर पर्चेज एग्रीमेंट अडानी रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड, एमएआईएफ इनवेस्मेंट इंडिया पीटीई लिमिटेड और एमएआईएफ इनवेस्टमेंट इंडिया 3 पीटीई लिमिटेड के बीच किया गया था. इसके तहत स्वर्ण टोल-वे प्राइवेट लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी और गुजरात रोड एंड इंफ्रा कंपनी लिमिटेड में 56.8 फीसदी हिस्सेदारी के लिए सौदा किया गया था.
बता दें GRICL में 56.8 फीसदी हिस्सेदारी मैक्वायरी एशिया इंफ्रा फंड की है, जबकि IL&FS का 26.8 फीसदी हिस्सा है. बाकी की हिस्सेदारी गुजरात सरकार की है. STPL के पास आंध्र प्रदेश में दो टोल रोड्स और जीआरआईसीएल के पास गुजरात में दो टोल रोड हैं.
हिंडनबर्ग ने कराया इतना नुकसान
अडानी ग्रुप के लेकर हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट में कंपनियों के शेयरों में हेर-फेर और ओवर वैल्युएशन का आरोप लगाया गया था. रिसर्च फर्म ने अपनी रिपोर्ट में 88 सवाल उठाए थे. हालांकि, इस रिपोर्ट के जारी होने के तुरंत बाद अडानी ग्रुप की ओर से इसे निराधार बताया गया था, लेकिन निवेशकों के सेंटिमेंट पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का ऐसा असर हुआ कि अडानी के शेयरों में सुनामी आ गई.
ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक 85 फीसदी तक टूट गए. शेयरों में जारी गिरावट के चलते जहां अडानी ग्रुप का मार्केट कैप घटता चला गया, तो वहीं अमीरों की लिस्ट में गौतम अडानी दूसरे से चौथे और फिर टॉप-10, टॉप-20 और टॉप-10 से भी बाहर हो गए. हालांकि, मार्च 2023 के अंत से अडानी के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है और इसका असर अडानी की नेटवर्थ पर भी पड़ा है. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, फिलहाल गौतम अडानी 62.2 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अमीरों की लिस्ट में 18वें पायदान पर पहुंच गए हैं.