हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट में इजाफा करने से अपना घर खरीदने का सपना थोड़ा महंगा हो गया है. रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद से ज्यादातर बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाया है, जिससे लोन की EMI भी बढ़ गई है. इसके बावजूद घर खरीदने का ख्वाब साकार करने के लिए ज्यादातर लोगों के पास होम लोन का सहारा ले रहे है.
टियर 3-4 शहरों में बढ़ी डिमांड
शुरुआत में जहां होम लोन लेने वालों में बड़ा हिस्सा मेट्रो और टियर-1, टियर-2 शहरों के लोगों का था वहीं अब टियर-3 और टियर-4 यानी छोटे शहरों के लोग बड़ी संख्या में होम लोन ले रहे हैं. कोरोना के बाद से छोटे शहरों में घरों की डिमांड में बड़े शहरों के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. ये दावा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) रिसर्च की एक स्टडी में किया गया है.
मांग बढ़ने की ये बड़ी वजह
ग्रामीणों जिलों में होम लोन (Home Loan) की डिमांड में इजाफे की वजह सरकार की स्वामित्व योजना है. इस योजना के माध्यम से ग्रामीण अपनी रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी का डाक्यूमेंटेशन करा सकते हैं. इसके बाद इस संपत्ति का इस्तेमाल दूसरे आर्थिक मकसदों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है. इस वजह से भी छोटे शहरों में होम लोन लेकर इस योजना के माध्यम से दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने का फायदा लोग उठा रहे हैं.
कुल कर्ज में बढ़ी होम लोन की हिस्सेदारी
SBI रिसर्च की स्टडी के मुताबिक छोटे शहरों में होम लोन की डिमांड बढ़ने से कुल कर्ज में घर के लिए कर्ज की हिस्सेदारी मार्च 2020 के 13.1% से बढ़कर जून, 2022 में में 14.4% पर पहुंच गई है. पर्सनल लोन और रिटेल लोन में भी घर कर्ज का हिस्सा 50% है. फिलहाल भारत का होम लोन बाज़ार 24 लाख करोड़ रुपये का है, जिसके अगले 5 साल में बढ़कर दोगुना होने की उम्मीद है.
महिलाओं की तादाद तेजी से बढ़ी
सरकार की स्वामित्व योजना के असर से अगर छोटे शहरों में लोन की डिमांड बढ़ी है, तो होम लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में भी इससे इजाफा हुआ है. प्रधानमंत्री आवास योजना से भी गांवों की महिलाओं को फायदा मिल रहा है और उनके लोन लेने में तेजी आ रही है. छोटे जिलों में भी होम लोन लेने वाली महिलाओं का आंकड़ा बढ़ रहा है.
SBI रिसर्च की खास बातें
टियर-2 शहरों में घरों के दाम बढ़े
इस रिपोर्ट में होम लोन की डिमांड में इजाफे के साथ ही ये जानकारी भी दी गई है कि टियर-2 शहरों में घरों के दाम सबसे ज्यादा बढ़े हैं.