हर व्यक्ति की ये ख्वाहिश होती है कि उसका अपना आशियाना हो, क्योंकि अपने घर का सुख ही अलग होता है, लेकिन घर की कीमत इतनी ज्यादा होती है कि अगर पूरे पैसों का भुगतान एक बार में किया जाए, तो लोगों की कमर ही टूट जाती है. इसलिए लोग ईएमआई (EMI) यानी किस्तों में भुगतान करना ज्यादा पसंद करते हैं.
ईएमआई (EMI) की सुविधा से लोगों पर एकसाथ आर्थिक भार नहीं पड़ता है, तथा वो कई फेज में कर्ज के पैसों को चूका सकते हैं. लेकिन ईएमआई (EMI) की रकम और उस पर बढ़ते ब्याज भी कभी- कभी सिरदर्द बन जाता है. तब लोग सोचते हैं इससे कैसे जल्द से जल्द छुटकारा पाया जाए. कुछ तरीके हैं, जिससे ईएमआई (EMI) की रकम के साथ उसकी अवधि को भी कम किया जा सकता है.
प्रीपेमेंट से होगा लाभ
किस्तों का एडवांस भुगतान करने से ईएमआई (EMI) के प्रिंसिपल अमाउंट के साथ-साथ उस पर लगने वाले ब्याज को भी कम किया जा सकता है, साथ ही जो बची हुई रकम है, उसमें भी कमी आएगी. एडवांस भुगतान के जरिए जो कर्ज अदा करने का टर्म है, उसे भी कम किया जा सकता है. इसके अलावा एडवांस भुगतान कर ईएमआई (EMI) बाउंस और उस पर लगने वाले चार्ज से भी बचा जा सकता है. कुल मिलाकर प्रीपेमेंट से कई तरह के झंझटों से खुद को बचाया जा सकता है.
ईएमआई (EMI)
ईएमआई (EMI) के तहत एक फिक्स अमाउंट का भुगतान निर्धारित समय पर करना पड़ता है. लेकिन अगर आप चाहें तो जो फिक्स अमाउंट है, उससे ज्यादा का भी भुगतान कर सकते हैं. जिससे बाकी के पैसों को अदा करने में कंधों पर भार कम पड़ेगा. ऐसा आप तब कर सकते हैं जब पैसों की आमदनी पहले से ज्यादा होने लगे या निवेश किया गया पैसा मैच्योरटी के बाद मिल जाए, तब उस पैसा का इस्तेमाल ईएमआई (EMI) को अदा करने में किया जा सकता है.
फिक्सड ईएमआई (EMI) से ज्यादा करें भुगतान
अगर आमदनी ठीक है और आर्थिक स्थिति इस बात की अनुमति देती है कि किस्तों से ज्यादा रकम का भुगतान किया जा सकता है, तो ये विकल्प अपना सकते हैं. इसके दो फायदे होंगे, पहला ये कि जो लोन पर ब्याज है उसमें कमी आएगी साथ ही किस्त जमा करने की समय सीमा में भी कटौती होगी. इसके लिए जरूरी है कि लोन लेने से पहले भुगतान करने के तमाम विकल्प को अच्छे से समझ लें और अपनी सुविधा अनुसार विकल्प का चुनाव करें.
अन्य जगहों से मिले पैसों से भुगतान कर सकते हैं
अगर किसी स्रोत से एक साथ मोटी रकम हाथ में आ रही है तो उसका इस्तेमाल लोन के भुगतान के लिए किया जा सकता है. ये एक बेहतर तरीका हो सकता है, जिससे अपने सर से कर्ज का बोझ जल्दी से हटाया सकता है. अगर पैसों की आमदनी कहीं से हो और आर्थिक हालात इस बात की इजाजत दें तो ये एक बेहतर विकल्प हो सकता है.