भले ही देश में महंगाई (Inflation) चरम पर हो और लोगों का बजट बिगाड़ दिया हो, लेकिन घर खरीदारों (Home Buyers) पर इसका कोई खास असर नहीं दिख रहा है. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली छमाही में Delhi-NCR में घरों की बिक्री 2.5 गुना तक बढ़ गई है.
संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया (Knight Frank India) की रिपोर्ट देखें तो जनवरी से जून 2022 के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री सालाना आधार पर ढाई गुना बढ़ गई है. घरों की बिक्री का यह आंकड़ा ऐसे समय का है, जबकि देश में महंगाई लगातार उच्च स्तर पर बनी हुई है. इस महंगाई का असर घरों की कीमतों (Housing Price) पर भी पड़ा है, लेकिन महंगाई की तगड़ी मार भी घर खरीदारों पर बेअसर साबित हुई है.
नाइट फ्रैंक की 'India Real Estate: Residential and Office Market H1 2022' रिपोर्ट के मुताबिक, देश में साल के पहले छह महीनों के दौरान आवास की कीमतों में तेजी आई है. इसके बावजूद घरों की मांग में इजाफा देखने को मिला है. आंकड़ों को देखें तो जनवरी-जून छमाही में दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 29,101 यूनिट पर पहुंच गई. पिछले साल की पहली छमाही में कोरोना की दूसरी लहर ने अपना प्रकोप दिखाया था, तब यह संख्या 11,474 यूनिट थी.
बिजनेस टुडे पर छपी एक रिपोर्ट में बताया गया कि सालाना आधार पर इस अवधि में घरों के दाम सात फीसदी तक बढ़कर 4,437 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गए हैं. लेकिन कीमतों में यह बढ़ोतरी अपने घर का सपना देखने वाले वाले खरीदारों के प्लान को कैंसिल नहीं कर सकी. घरों की बिक्री का ताजा आंकड़ा साल 2013 की दूसरी छमाही के बाद से किसी भी एक छमाही में बिक्री का सबसे ऊंचा है.
इन छह महीनों के दौरान नए घरों की लॉन्चिंग (New Launch House) जनवरी-जून, 2021 में 2,943 यूनिट्स की तुलना में कई गुना बढ़कर 28,726 यूनिट पर पहुंच गई. वहीं बिना बिके घरों (Unsold House) की संख्या में छह फीसदी की गिरावट आई है और यह घटकर 95,811 यूनिट रह गईं. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में पहली छमाही में पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग में भी 69 फीसदी की वृद्धि हुई है. यह बढ़कर 41 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई, जो जनवरी-जून 2021 में 24 लाख वर्ग फुट थी.