
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब थोड़ी कमजोर पड़ती नजर आ रही है.देश में दूसरी लहर का पीक 7 मई को था. उस दिन 4.14 लाख से ज्यादा नए मामले एक दिन में सामने आए थे. उसके बाद से ही मामले कम होने लगे. मामले कम होने के बाद 1 जून से कई राज्यों में कुछ शर्तों के साथ ढील मिलनी शुरू हो गई है. इससे उम्मीद है कि दूसरी लहर से जितना नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई हो सकती है. लेकिन सवाल है कि दूसरी लहर ने कितना नुकसान पहुंचाया?
सिर्फ दो महीनों में गईं डेढ़ लाख से ज्यादा जानें
इसे समझने से पहले ये समझना भी जरूरी है कि दूसरी लहर कितनी खतरनाक और जानलेवा थी? देश में कोरोना संक्रमण के मामले मार्च की शुरुआत से ही बढ़ने शुरू हो गए थे और आखिरी तक आते-आते हालात बिगड़ने लगे थे. नतीजा ये हुआ कि अप्रैल से ही पाबंदियां लगनी शुरू हो गईं. कोरोना की ये दूसरी लहर अप्रैल और मई में अपने चरम पर रही.
इसको ऐसे समझ सकते हैं कि देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया था. उसके बाद से 31 मार्च 2021 तक देश में 1.21 करोड़ मामले सामने आए थे. लेकिन 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मई 2021 तक देश में 1.60 करोड़ संक्रमित सामने आए. यानी, कोरोनाकाल के 15 महीनों में जितने संक्रमित नहीं मिले, उससे 32% ज्यादा संक्रमित सिर्फ इन दो महीनों में मिले.
इसी तरह देश में कोरोना से पहली मौत पिछले साल 12 मार्च को हुई थी. तब से लेकर 31 मार्च 2021 तक देश में 1.62 लाख संक्रमितों की जान गई थी. जबकि, सिर्फ अप्रैल और मई के महीने में ही 1.69 लाख से ज्यादा मरीजों ने दम तोड़ दिया.
दो महीने में छिनीं सवा दो करोड़ से अधिक नौकरियां...
मार्च के आखिर में जब संक्रमण की रफ्तार में तेजी आई तो अप्रैल की शुरुआत से ही कई राज्यों में सख्तियां लगनी शुरू हो गईं और अगले कुछ हफ्तों में राज्य सरकारों ने लॉकडाउन लगाना शुरू कर दिया. नतीजा ये हुआ कि लोगों की नौकरियां जाने लगीं.
देश के आर्थिक हालात और बेरोजगारी पर नजर रखने वाली एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई का डेटा बताता है कि दूसरी लहर की वजह से अप्रैल में 73.5 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा. जबकि, मई में 1.53 करोड़ लोगों की नौकरियां गईं. कुल मिलाकर 2.26 करोड़ से ज्यादा लोगों को सिर्फ दो महीने में ही नौकरी गंवानी पड़ी है.
जीडीपी को 4-4.5 लाख करोड़ का नुकसान?
वहीं, कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश की ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां प्रभावित रही. इसका सीधा-सीधा असर जीडीपी पर पड़ा. जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत बताती है, इसलिए इसका पॉजिटिव रहना अच्छा संकेत होता है.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी को 4 से 4.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. इसलिए इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 10 से 15% रह सकती है.
एसबीआई की रिपोर्ट बताती है कि दूसरी लहर से सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र को उठाना पड़ सकता है. क्योंकि इसे पहली तिमाही में इसकी जीडीपी में 98 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान की आशंका है. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां साढ़े 56 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो सकता है.
ये भी पढ़ें: