हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों में ऐसी गिरावट आई की मार्केट कैपिटलाइजेशन 60-70 फीसदी तक घट गया. लेकिन एक डील ने सबकुछ बदलकर रख दिया है. मुश्किल दौर से गुजर रहे अडानी ग्रुप की कंपनियों पर अमेरिकी बुटीक इन्वेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Parteners) ने बड़ा दांव लगाते हुए 15,446 करोड़ रुपये निवेश कर डाले. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों ने जोरदार उड़ान भरी है. राजीव जैन (Rajiv Jain) की कंपनी जीक्यूजी ने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में निवेश किया है. अब शेयरों में आ रही तेजी से राजीव जैन जोरदार मुनाफा कमा रहे हैं.
राजीव जैन ने कमाया बंपर मुनाफा
मुश्किल समय में अडानी ग्रुप में निवेश करने वाले राजीव जैन ने तीन दिन में बंपर प्रॉफिट कमाया है. उनकी कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा खरीदे शेयरों का निवेश वैल्यू 4,245 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. कंपनी ने दो मार्च को बॉल्क डील के जरिए अडानी ग्रुप में 15,446 करोड़ रुपये शेयर खरीदे थे. सोमवार को ये रकम बढ़कर 19691 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग के झटके से उबरने की कोशिश में जुटा है और लगातार शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है.
कितनी कीमत पर खरीदे थे शेयर
जीक्यूजी पार्टनर्स ने दो मार्च को 1410.86 रुपये प्रति शेयर की दर से शेयर खरीदे थे. सोमवार को इस कंपनी के स्टॉक 2135 रुपये के स्तर तक पहुंचे थे. अडानी पोर्ट्स के शेयर 596.2 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीदे थे. सोमवार को ये 706 रुपये तक पहुंचा. जीक्यूजी पार्टनर्स ने 504.6 रुपये प्रति शेयर की दर से अडानी ट्रांसमिशन के शेयर खरीदे थे. सोमवार को इस स्टॉक ने 780.90 रुपये के स्तर को हिट किया.
जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी एंटरप्राइजेज में 3.4 फीसदी हिस्सेदारी के लिए करीब 5,460 करोड़ रुपये, अडानी पोर्ट्स में 4.1 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5,282 करोड़ रुपये, अडानी ट्रांसमिशन में 2.5 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 1,898 करोड़ रुपये और अडानी ग्रीन एनर्जी में 3.5 फीसदी की हिस्सेदारी के लिए 2,806 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है.
हिंडनबर्ग ने दिया था जोरदार झटका
हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को पब्लिश अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेल फर्मों के माध्यम से स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. 24 जनवरी को प्रकाशित रिपोर्ट ने अडानी के शेयरों में भारी उथल-पुथल मचा दी. इस वजह ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) में लगभग 60-70 प्रतिशत की गिरावट आ गई थी. लेकिन जीक्यूजी पार्टनर्स के निवेश के बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है. जीक्यूजी पार्टनर्स पहली निवेशक कंपनी है, जिसने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप में निवेश किया है.