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3 साल से छोटा है बच्चा? अपनाएं ये 5 तरीके, कॉलेज जाते-जाते हो जाएगा करोड़पति

समय के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ी हैं और इसी के साथ खर्चे भी बढ़ते जा रहे हैं. आने वाले समय में वित्तीय दिक्कतों से न जूझना पड़े, इस लिए फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है. आइए जानते हैं कुछ बढ़िया उपायों के बारे में...

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ऐसे बनाएं 1करोड़ रुपये का फंड (Photo: Getty Images)
ऐसे बनाएं 1करोड़ रुपये का फंड (Photo: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टेंशनफ्री फ्यूचर के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी
  • थोड़ा-थोड़ा बचत कर बना सकते हैं मोटा फंड

आने वाले समय में परेशानियों से बचने के लिए सेविंग और फाइनेंशियल प्लानिंग (Saving & Financial Planning) का बहुत महत्व है. भारत में तो वैसे भी सेविंग की पुरानी परम्परा रही है. हालांकि समय के साथ जरूरतें तेजी से बदल रही हैं और खर्च भी बढ़ते जा रहे हैं. खासकर बच्चों की पढ़ाई का खर्च समय के साथ बहुत बढ़ा है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर लोग चाहते हैं कि वे कुछ इस तरह से सेविंग करें कि उनके पास कुछ समय बाद कम से कम 1 करोड़ का फंड हो. आइए 5 ऐसे तरीकों पर बात करते हैं, जिनसे अगले 15 साल में 1 करोड़ का फंड तैयार किया जा सकता है. इनमें से कुछ तरीके तो टैक्स की बचत भी कराते हैं.

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अगर आपका बच्चा अभी 3 साल का है या इससे छोटा है तो इस हिसाब से 15 साल की प्लानिंग करना सही है. जब वह स्कूल की पढ़ाई पूरी कर उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज जाने की कगार पर होगा, आपके पास पहले से ही 1 करोड़ का फंड तैयार रहेगा. ऐसे में आपको उसकी पढ़ाई की फीस के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि इस तरह की प्लानिंग करते समय इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि अभी 1 करोड़ की जो वैल्यू है, 15 साल भी उतनी ही नहीं रहेगी. स्क्रिपबॉक्स के एक आकलन के अनुसार, अभी के 1 करोड़ रुपये की वैल्यू अगले 10 साल में आधी हो जाएगी. इसी तरह 15 साल बाद उसकी वैल्यू 36 लाख रुपये, 25 साल बाद 18 लाख रुपये और 30 साल बाद 13 लाख रुपये के बराबर हो जाएगी. इस आकलन के लिए महंगाई को एडजस्ट कर डिविजन फैक्टर का सहारा लिया गया है.

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SIP: फ्यूचर के लिए फंड तैयार करने का सबसे सुंदर उपाय है कम्पाउंडिंग की ताकत का इस्तेमाल. महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंसटीन कम्पाउंडिंग को दुनिया का आठवां आश्चर्य बताते थे. उनके हिसाब से इस आठवें अजूबे को जो समझ लेता है, वह इससे कमाता है और जिन्हें इसकी समझ नहीं, वे इसकी कीमत चुकाते हैं. इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न के लिए कम्पाउंडिंग का फायदा देने वाला उपाय है एसआईपी. स्मॉलकैप में पैसे लगाने वाले कुछ एसआईपी शानदार रिटर्न देते हैं. उदाहरण के लिए HDFC Small Cap Fund ने अभी तक 18 फीसदी का टर्नओवर दिया है. Reliance Small Cap Fund का टर्नओवर तो 151 फीसदी है. इसी तरह SBI Small Cap Fund का टर्नओवर 75 फीसदी रहा है. ज्यादा नहीं, बस 18 फीसदी रिटर्न के आधार पर देखें तो आप हर महीने महज 12,656 रुपये लगाकर अगले 15 साल में 1 करोड़ रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं.

Insurance: इंश्योरेंस में इन्वेस्ट करने वालों की अच्छी-खासी तादाद है. Endowment वाले इंश्योरेंस प्लान होल्डर्स को मैच्योरिटी बेनेफिट देते हैं. इंश्योरेंस प्लान आम तौर पर 6-7 फीसदी का रिटर्न देते हैं. ग्रो के कैलकुलेटर के अनुसार, अगर इस हिसाब से देखें तो 15 साल में 1 करोड़ का फंड तैयार करने के लिए इस तरीके में आपको हर महीने 30-32 हजार रुपये इन्वेस्ट करने होंगे. हालांकि रिटर्न के लिए इंश्योरेंस प्लान को चुनना होशियारी नहीं है. इन्हें रिस्क कवर के तौर पर ही यूज करना सही होता है. हालांकि इंश्योरेंस में इन्वेस्टमेंट करने पर इनकम टैक्स एक्ट के 80सी सेक्शन के तहत छूट मिलती है.

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Real Estate: प्रॉपर्टी यानी रियल एस्टेट को इन्वेस्टमेंट का बढ़िया साधन माना जाता है. भारत में यह तरीका पारंपरिक रूप से प्रचलित रहा है. इस इन्वेस्टमेंट की अच्छी बात यह है कि प्रॉपर्टी का रेट खराब समय में भी बढ़ता ही है. इंडियन रियल एस्टेट मार्केट के ट्रेंड को देखें तो लॉन्ग टर्म में इसने सालाना 8-10 फीसदी का रिटर्न दिया है. इस तरह अगर आप अभी 25-30 लाख का कोई प्लॉट खरीदकर छोड़ देते हैं, तो अगले 15 साल में उसकी वैल्यू 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगी. इसकी एक और खास बात है कि जब आप अपने बच्चे को प्लॉट गिफ्ट करेंगे, तो उसपर कोई टैक्स भी नहीं लगेगा.

Gold: सोना सिर्फ गहने बनाने के काम नहीं आता, बल्कि इसे सबसे सेफ इन्वेस्टमेंट में से एक माना जाता है. जब-जब बाजार की हालत खराब होती है या अनिश्चितता की कोई स्थिति बनती है तो बड़े इन्वेस्टर्स भी सोना खरीदना शुरू कर देते हैं. सोने का भाव लॉन्ग टर्म ट्रेंड के हिसाब से सालाना औसतन 7-8 फीसदी चढ़ता है. इस हिसाब से देखें तो अगले 15 साल बाद 1 करोड़ रुपये का फंड जमा करने के लिए आपको हर महीने 30 हजार रुपये गोल्ड में लगाने होंगे. हालांकि इस तरीके में एक सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आप घाटे में रहेंगे. उसके मेंटनेंस से लेकर बनवाने का खर्च आदि एक्स्ट्रा बोझ बनेगा और सिक्योरिटी का भी तनाव बना रहेगा. इसके बजाय आप गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ में पैसे लगा सकते हैं.

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FD: ज्यादा आरएंडडी करना पसंद नहीं है तो भारतीयों का पसंदीदा तरीका 'FD' का उपाय बचता है. हालांकि इसे अच्छा उपाय नहीं माना जा सकता है. ज्यादातर एफडी आम तौर पर 6-8 फीसदी से ज्यादा रिटर्न कभी नहीं देते हैं. लॉन्ग टर्म में मंहगाई की सालाना औसत दर 7 फीसदी के आस-पास रही है. अगर आप यह विकल्प चुनते हैं तो 8 फीसदी रिटर्न के हिसाब से आपको हर महीने करीब 30 हजार रुपये लगाने होंगे. तमाम विकल्पों की तुलना करें तो एसआईपी सबसे बढ़िया साबित होता है, जो कम इन्वेस्टमेंट में आपको 1 करोड़ रुपये का फंड तैयार कर दे सकता है.

(इन्वेस्टमेंट करने से पहले अपने फाइनेंशियल प्लानर से जरूर सलाह लें. कहीं भी पैसे लगाने से पहले प्रॉपर आरएंडडी करना जरूरी है, क्योंकि हर प्रकार के इन्वेस्टमेंट के अपने फायदे और नुकसान होते हैं. हर तरह के इन्वेस्टमेंट से कुछ रिस्क भी जुड़े होते हैं.)

 

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