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Tata Group Business: रतन टाटा कर गए ऐसी व्यवस्था, दुनिया में बजता रहे Tata का डंका... 100 देशों में फैला है कारोबार!

Tata Group Business: देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में शामिल टाटा ग्रुप का बिजनेस दुनियाभर में फैला है और करीब 150 देशों में Tata Products की मौजूदगी है. बुधवार 9 अक्टूबर को इसे बुलंदियों पर पहुंचाने वाले टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन (Ratan Tata Death) हो गया.

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टाटा ग्रुप की 100 से ज्यादा लिस्टेड-अनलिस्टेड कंपनियां
टाटा ग्रुप की 100 से ज्यादा लिस्टेड-अनलिस्टेड कंपनियां

हर घर की रसोई से लेकर आसमान तक धमक रखने वाले टाटा ग्रुप (Tata Group) में शोक का माहौल है. दिग्गज अरबपति कारोबारी और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को निधन (Ratan Tata Dies) हो गया. बिजनेस की बात करें, तो Tata नमक से लेकर Air India इसी ग्रुप में शामिल हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल 2012 में रतन टाटा के रिटायरमेंट लेने के बाद आखिर शेयर मार्केट में लिस्टेड और अनलिस्टेड टाटा की कंपनियों को कौन चलाया है, जिनकी संख्या 100 से ज्यादा है. आइए बताते हैं कि कैसे लिए जाते हैं इनसे जुड़े एक-एक फैसले? 

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100 से ज्यादा देशों में टाटा का बिजनेस
Ratan Tata न केवल एक बड़े बिजनेसमैन, बल्कि एक दरियादिल इंसान के तौर पर भी पहचाने जाते थे. देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों शामिल टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां हैं और लगभग हर सेक्टर में इनका कारोबार फैला हुआ है. फिर बात चाहे नमक, पानी, चाय-कॉफी की हो या फिर घड़ी-ज्वैलरी, कार या प्लेन की. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के नेतृत्व में ये कंपनियां बुलंदियों पर पहुंचीं और इनका कारोबार दुनिया के तमाम देशों में फैल गया. 1868 में शुरू हुए Tata Group का बिजनेस 6 महाद्वीपों के करीब 100 से अधिक देशों में फैला है, जबकि 150 देशों में इसके प्रोडक्टस मौजूद हैं.

Tata ने देश को पहली बार दीं ये चीजें
टाटा सिर्फ नाम नहीं, बल्कि इसे देश की पहचान कहना शायद गलत नहीं होगा. क्योंकि ऐसी कई चीजें हैं, जो देश को पहली बार इसी कारोबारी समूह ने दी हैं, फिर वो पहला लग्जरी होटल हो, पहली एयरलाइंस हो या फिर पहली देशी कंज्यूमर गुड्स कंपनी. टाटा ग्रुप के रेवेन्यू की बात करें, तो वित्त वर्ष 2023-24 में ये 165 अरब डॉलर था. वहीं दुनियाभर में टाटा ग्रुप की कंपनियों में काम करने वाली कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 1,028,000 (FY23 के मुताबिक) पहुंच चुकी है. ग्रुप की आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) दुनिया कर्मचारियों की संख्या के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है और अकेले इस कंपनी में 6,14,795 एंप्लाई काम करते हैं.

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शेयर बाजार में लिस्टेड Tata की प्रमुख कंपनियां

TCS
Tata Steel
Tata Motors
Titan Company
Tata Chemicals
Tata Power
Indian Hotels Company
Tata Consumer Product
Tata Communication
Voltas Ltd
Trent Ltd
Tata Investment Corp
Tata Elxsi
Nelco Ltd
Tata Tech
Rallis India

1991 से 2012 तक रतन टाटा ने संभाली कमान 
साल 1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभालने के बाद लंबे समय तक Ratan Tata ने दुनिया में टाटा का डंका बजाया और कंपनियों को मुनाफे का सौदा बना दिया. ग्रुप में साल 2012 तक हर एक फैसला रतन टाटा का ही चलता था. इसके बाद उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर कमान दिवंगत साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को सौंपी, लेकिन कई ऐसे मुद्दे उठे कि उन्होंने बोर्ड ने मिस्त्री को हटाकर 2016 में एक बार फिर जिम्मेदारी अपने हाथों में ली. सालभर बाद ही उन्होंने 2017 में रिटायरमेंट लेकर नटराजन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) को दे दी. हालांकि, ट्रस्ट की जिम्मेदारी रतन टाटा ही संभाल रहे थे.

कैसे लिए जाते हैं कंपनियों से जुड़े फैसले? 
टाटा ग्रुप के विशाल कारोबार को बड़े ही अच्छे ढंग से मैनेज किया जाता है, तभी तो इसकी कंपनियां लगातार तगड़ा रेवेन्यू जेनरेट कर रही है. Ratan Tata के इस्तीफे के बाद से ही चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ग्रुप की कंपनियों का संचालन देख रहे हैं. रतन टाटा रियारमेंट के बाद मानद चेयरमैन के तौर पर ग्रुप के कारोबार पर नजर रखते थे. टाटा ग्रुप की कंपनियों या उनके बिजनेस को उनके निदेशक मंडल के मार्गदर्शन और सुपरविजन में स्वतंत्र रूप से संचालित किया जाता है. Tata Sons इस ग्रुप की मुख्य प्रमोटर और प्रिंसिपल इन्वेस्टर है. टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट की है, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट, कल्चर जैसे क्षेत्रों में काम कर रहा है.

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