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Business Idea: घर बैठे 1 लाख रुपये महीने कमाने का फंडा, सालों भर चलेगा काम

भारत में टिश्यू पेपर यानी नैपकिन की काफी खपत होती है और इसका बाजार लगातार बढ़ ही रहा है. अच्छी बात ये है कि भारतीय बाजार में ब्रांडेड नैपकिन के साथ ही लोकल प्रोडक्ट की अच्छी-खासी खपत होती है.

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घर बैठे कर सकते हैं बिजनेस (Photo: Wikimedia Commons)
घर बैठे कर सकते हैं बिजनेस (Photo: Wikimedia Commons)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सालों भर रहती है नैपकिन पेपर्स की डिमांड
  • मुद्रा लोन से मिल जाती है सरकारी मदद

Napkin Paper Business Idea: हर कोई बिजनेस में कभी न कभी तो हाथ आजमाने के बारे में सोचता ही है. कई बार पैसे की तंगी आड़े आ जाती है तो कई बार बिजनेस आइडिया की कमी से बात नहीं बन पाती है. अगर रोजमर्रा की चीजों पर ही ध्यान से सोचा जाए तो हमारे आस-पास कई ऐसे बिजनेस आइडियाज (Business Idea) बिखरे पड़े हैं, जिन्हें शुरू करने में बहुत ज्यादा पैसे भी नहीं लगते हैं और बढ़िया कमाई करने के मौके भी होते हैं. यहां तक कि ऐसे कई बिजनेस को शुरू करने में सरकार से मदद भी मिल जाती है. पेपर नैपकिन की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट (Paper Napkin Manufacturing Unit) लगाना इन्हीं बिजनेस आइडियाज में से एक है.

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यूरोपीय देशों में नैपकिन पेपर्स की जबरदस्त मांग

यूरोपीय देशों समेत ठंडे मौसम वाले देशों में टिश्यू पेपर (Tissue Paper) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. इसका महत्व इस बात से समझ सकते हैं कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जब यूरोपीय देशों ने भी लॉकडाउन (Lockdown) लगाने की ओर कदम बढ़ाया, तो वहां भी भारत की तरह लोग पैनिक बाइंग (Panic Buying) करने लगे. यूरोपीय देशों में लोगों ने सबसे ज्यादा जिस चीज की पैनिक बाइंग की, वह राशन या रसोई का सामान नहीं बल्कि यही टिश्यू पेपर था. हालात ये हो गए थे कि सुपरमार्केट और रिटेल स्टोर्स से एक-दो ही दिन में टिश्यू पेपर का सारा स्टॉक समाप्त हो गया था.

भारत में भी हर मौसम में होता है इस्तेमाल

भारत में भले ही टिश्यू पेपर्स की खपत यूरोपीय देशों की तरह बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन यहां भी इसका काफी बड़ा बाजार है. भारत में टिश्यू पेपर यानी नैपकिन की काफी खापत होती है और इसका बाजार लगातार बढ़ ही रहा है. अच्छी बात ये है कि भारतीय बाजार में ब्रांडेड नैपकिन के साथ ही लोकल प्रोडक्ट की अच्छी-खासी खपत होती है. इस कारण नैपकिन पेपर प्लांट लगाना फायदे का सौदा साबित हो सकता है और आप अपने आस-पास में ही इसकी सप्लाई कर लाखों की कमाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि इसका प्लांट कैसे शुरू किया जा सकता है, इसके लिए कितने इन्वेस्टमेंट की जरूरत होगी, सरकार से किस तरह की मदद मिल सकती है और इससे आपको कितना मुनाफा हो सकता है...

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इतने में खरीद सकते हैं नैपकिन बनाने वाली मशीन

इंडियामार्ट पर मौजूद सप्लायर्स के अनुसार, नैपकिन पेपर बनाने की मशीन (Napkin Paper Machine) 5 लाख रुपये से मिलने लग जाती है. अगर आप सेमी-ऑटोमैटिक मशीन खरीदते हैं तो यह आपको 5-6 लाख रुपये में मिल जाएगा. चार से पांच इंच वाले नैपकिन पेपर्स बनाने की इनकी क्षमता हर घंटे 100 से 500 पीस की होती है. अगर आप बड़े स्केल पर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो अधिक कैपेसिटी वाली पूरी तरह से ऑटोमैटिक मशीन 10-11 लाख रुपये में मिल जाती है, जिसकी क्षमता हर घंटे 2,500 रॉल बनाने की होती है.

मुद्रा लोन से मिल सकती है इतने लाख तक की मदद

अगर आप इस बिजनेस के लिए खुद से 3.50 लाख रुपये जुटा लेते हैं, तो आपको सरकारी मुद्रा योजना (Mudra Scheme) के तहत लोन भी मिल सकता है. इतना पैसा पास में होने पर अगर आप मुद्रा योजना में लोन के लिए अप्लाई करेंगे, तो आपको 3.10 लाख रुपये का टर्म लोन और 5.30 लाख रुपये का वर्किंग कैपिटल लोन (Working Capital Loan) मिल सकता है. इस तरह आपके पास करीब 12 लाख रुपये का प्रबंध हो जाता है, जिसमें आसानी से बिजनेस की शुरुआत की जा सकती है.

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पहले साल से होने लगेगी इतनी कमाई

छोटा प्लांट लगाकर भी आसानी से एक साल में 1.50 लाख किलोग्राम तक नैपकिन पेपर का प्रोडक्शन (Napkin Paper Production) किया जा सकता है. बाजार में नैपकिन पेपर को आसानी से 65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा सकता है. इस तरह देखें तो आप साल भर में बड़े आराम से करीब 1 करोड़ रुपये का टर्नओवर (Turnover) अचीव कर सकते हैं. रॉ मटीरियल्स, मशीन की लागत और लोन की किश्तों को निकाल भी दें तो पहले साल में ही इस बिजनेस से 10-12 लाख रुपये की बचत की जा सकती है.

 

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