टेक्नोलॉजी ने कैसे लोगों की जिंदगी को आसान बनाया, कैसे इसने देश की और लोगों की इनकम को बढ़ाने में मदद की, आने वाले समय में आरबीआई की डिजिटल करेंसी कैसी होगी, इस पर चर्चा के लिए बिजनेस टुडे के Brainstorm Budget 2022 में कई दिग्गज जुटे. इस दौरान एसबीबाई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने डिजिटल करेंसी को लेकर एक खास बात कही.
ऐसी हो सकती है डिजिटल करेंसी
रजनीश कुमार ने कहा कि डिजिटल करेंसी को हम मौजूदा रुपये के नोट से समझ सकते हैं. देश में नोट आरबीआई जारी करती है. हमारे पास ये बैंकों के माध्यम से पहुंचता है. जब हमें कोई नकद लेन-देन करना होता है तो एक व्यक्ति नोट देता है और दूसरा स्वीकार करता है और इस तरह तत्काल ट्रांजैक्शन कंप्लीट हो जाता है.
अब दूसरा तरीका है जहां हम करेंसी नोट दिए बिना भी पैसों का लेनदेन करते हैं. जैसे हम यूपीआई, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आईएमपीएस और आरटीजीएस इत्यादि का उपयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि ये प्रक्रिया देखने में बेहद आसान लगती है, लेकिन असल में एक खाते से दूसरे खाते में पैसा पहुंचने की इस पूरी प्रक्रिया में करीब 12 पक्ष शामिल होते हैं. इसमें आपका बैंक, इंटरमीडियरी, कार्ड कंपनी, एनपीसीआई, दूसरा बैंक इत्यादि शामिल हैं.
अब बात डिजिटल करेंसी की तो उनके पास इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन उन्हें लगता है कि डिजिटल करेंसी इस पूरे इंटरमीडियरी को हटा देगी और इससे ऑफलाइन मोड में भी वैसे ही लेनदेन हो सकेगा, जैसा करेंसी नोट के साथ होता है.
टेक्नोलॉजी ने बढ़ाई देश की इनकम
इसी के साथ रजनीश कुमार ने कहा कि बदलती टेक्नोलॉजी ने देश की इनकम को भी बढ़ाया है. टेक्नोलॉजी सबसे बड़ा बदलाव सिस्टम की अक्षमता को दूर करके उसकी एफिशिएंसी बढ़ाने का करती है. इससे सिस्टम की प्रोडक्टविटी बढ़ती है और कुल मिलाकर इसका असर पूरे देश की इनकम और व्यक्तिगत स्तर पर प्रति व्यक्ति आय पर पड़ता है. रजनीश कुमार ने कहा कि हम ऐसे दौर में जहां पुरानी व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं और आपके पास नए तरीके से सोचने, बिजनेस करने और रहने का मौका है.
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