हुरुन इंडिया रिच लिस्ट (Hurun India Rich List 2024) में 300 से ज्यादा भारतीय अरबपतियों को शामिल किया गया है और इनमें देश के सबसे युवा अरबपतियों (Indian's Youngest Billionaires) में फिनटेक फर्म रेजरपे के फाउंडर्स (Razorpay Founders) भी शामिल हैं. जी हां हर्शिल माथुर और शशांक कुमार दोस्त हैं और इनकी जुगलबंदी ने ऐसा कमाल किया कि आज दोनों भारत के सबसे अमीरों में शुमार हैं. इनके इस बुलंदी पर पहुंचने की कहानी बेहद ही दिलचस्प हैं...
उम्र 33 साल, संपत्ति 8000 करोड़ से ज्यादा
Razorpay के 33 वर्षीय को-फाउंडर हर्षिल माथुर और शशांक कुमार को हुरुन रिच लिस्ट 2024 में सबसे कम उम्र के भारतीय अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया गया है. आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्रों की आज अनुमानित कुल संपत्ति 1.03 अरब डॉलर या करीब 8,700 करोड़ रुपये है. हर्षिल और शशांक पढ़ाई के दौरान आईआईटी में मिले थे और देखते ही देखते गहरे दोस्त बन गए. इनका स्टार्टअप पेमेंट एग्रीगेटर्स के तौर पर काम करता है.
ये थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर होता है, जो मर्चेंट्स को पेमेंट रिसीव करने का एक सरल ऑप्शन मुहैया कराता है. यानी ये कस्टमर और कारोबारी के बीच पेमेंट का एक जरिया है, लेकिन इसमें सिर्फ मर्चेंट ही पेमेंट ले सकता है, जबकि कस्टमर सिर्फ पेमेंट कर सकता है.
एक दशक पहले आया आइडिया
हर्षिल और शशांक की सक्सेस स्टोरी एक दशक पहले शुरू हुई थी, जब भारत में ऑनलाइन पेमेंट्स सेक्टर के हालात बहुत अच्छे नहीं थे. Razorpay एक फिनटेक स्टार्टअप है जिसे खासतौर पर स्टार्टअप्स के लिए बनाया गया था. इसकी शुरुआत दोनों ने मिलकर साल 2014 में की थी. रिपोर्ट्स की मानें तो IIT में पढ़ाई के दौरान हर्षिल और शशांक एक क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म बना रहे थे, तभी उन्हें आइडिया आया कि स्टार्टअप और MSME को ऑनलाइन पेमेंट करने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसके समाधान के लिए एक खास प्लेटफॉर्म डेवलप करने के बारे में सोचा और रेजरपे (Razorpay) की शुरुआत की.
कॉलेज की सीख आ रही है काम
रेजरपे के फाउंडर हर्षिल माथुर की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, भारत में ऑनलाइन पेमेंट की ठीक नहीं चल रही थी, इसे देखने के बाद मैंने अपने दोस्त शशांक कुमार के साथ मिलकर रेजरपे शुरू करने के लिए वायरलाइन फील्ड इंजीनियर के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी और इस समस्या का समाधान निकालने के लिए कुछ नया करने के बारे में सोचा और Razorpay पर काम शुरू किया. हर्षिल लिखते हैं कि मैं रेजरपे का सीईओ (Razorpay CEO) और को-फाउंडर हूं, जबकि शशांक कंपनी के को-फाउंडर और एमडी हैं.
अपनी दोस्ती और बिजनेस के बारे में हर्षिल माथुर बताते हैं कि मैं शशांक से आईआईटी रुड़की में पढ़ाई के दौरान मिला था और वहीं से हमारी दोस्ती शुरू हुई. हमने कोडिंग के लिए अपने साझा जुनून से प्रेरित होकर कई प्रोजेक्ट्स पर साथ मिलकर काम किया और हम दोनों ने कॉलेज के दिनों में जो कोड लिखे थे, उनमें से कई आज भी रेजरपे के संचालन की रीढ़ हैं.
ऐसे काम करता है Razorpay
यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जो पैसे के लेन-देन को आसान बनाता है. रेजरपे ने कंपनियों और मर्चेंट्स के लिए एक सरल पेमेंट गेटवे की शुरुआत की. इसके जरिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, UPI, और डिजिटल वॉलेट से ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है. रेजरपे की कमाई ट्रांजैक्शंस फीस के जरिए होती है. प्लेटफॉर्म हर एक लेनदेन के लिए सिर्फ 2-3% शुल्क लगता है. खास बात ये है कि RazorPay भारत में कई प्रमुख वॉलेट को भी सपोर्ट करता है, जिनमें JioMoney, Mobikwik, Airtel Money, Freecharge, OlaMoney और PayZapp शामिल हैं.