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इस बैंक को बेचने की जोर-शोर से तैयारी, उससे पहले आई ये बड़ी खबर, सरकार भी खुश!

IDBI Bank Q4 Result: सरकारी बैंक आईडीबीई बैंक ने मार्च की तिमाही में जोरदार मुनाफा हासिल किया है. इसके अलावा अन्य मोर्चे पर भी बैंक ने शानदार प्रदर्शन किया है. सरकार इस बैंक का विनिवेश करने जा रही है.

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IDBI बैंक ने दर्ज किया जोरदार मुनाफा.
IDBI बैंक ने दर्ज किया जोरदार मुनाफा.

पब्लिक सेक्टर के बैंक आईडीबीआई (IDBI) बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. मार्च की तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा 64.1 फीसदी बढ़कर 1133 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. एक साल पहले की समान तिमाही में आईडीबीआई बैंक का नेट प्रॉफिट 691 करोड़ रुपये रहा था. सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है, जिसकी प्रक्रिया जारी है. उम्मीद जताई जा रही है कि IDBI बैंक की विनिवेश की प्रक्रिया मौजूदा वित्त वर्ष (FY 2023-24) में पूरी हो जाएगी.

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बैंक का शानदार प्रदर्शन

मार्च की तिमाही के लिए बैंक की नेट ब्याज आय 3279.60 करोड़ रुपये रही है. ये पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 2420.5 करोड़ रुपये से 35.3 फीसदी अधिक है. बैंक का CAR साल दर साल आधार पर 19.06 फीसदी और तिमाही आधार पर 20.14 फीसदी से बढ़कर 20.44 फीसदी हो गया है. CAR इस बात के संकेत देता है कि कोई भी बैंक अपनी जिम्मेदारी को कितने बेहतरीन तरीके निभाता है.

डिविडेंट का ऐलान

IDBI बैंक ने दिसंबर की तिमाही के एनपीए 13.82 फीसदी के मुकाबले मार्च की तिमाही में 6.38 फीसदी के साथ अहम सुधार हासिल किया है. वहीं, बैंक का नेट एनपीए एक तिमाही पहले के 1.08 फीसदी से गिरकर 0.92 फीसदी हो गया. मार्च की तिमाही के लिए IDBI बैंक के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स ने एक रुपये प्रति शेयर की दर से निवशकों को डिविडेंट देने का ऐलान किया है.  

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सरकार के पास कितनी हिस्सेदारी

सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों के पास आईडीबीआई बैंक में 94.71 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, तो वहीं LIC का हिस्सा 49.24 फीसदी है. सरकार ने सात अक्टूबर 2022 को आईडीबीआई बैंक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. कुल मिलाकर सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी की हिस्सेदारी बेच रही है.  

खरीदारों के लिए शर्त
 
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट ने कहा था कि संभावित खरीदारों के पास 22,500 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ होनी चाहिए. इसके अलावा एक कंसोर्टियम में अधिकतम चार सदस्यों की अनुमति होगी. साथ ही सफल बिडर्स को अधिग्रहण की तारीख से पांच साल के लिए इक्विटी पूंजी का कम से कम 40 फीसदी अनिवार्य रूप से लॉक करना होगा. सरकार ने कुछ समय पहले कहा था कि विदेशी फंड और निवेश फर्मों के एक कंसोर्टियम को आईडीबीआई बैंक के 51 फीसदी से अधिक की ओनरशिप की हासिल करने की अनुमति दी जाएगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. लेकिन कोविड की वजह से मामला अटक गया था. शुक्रवार को IDBI बैंक के शेयर 0.37 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 54.55 रुपये पर क्लोज हुए थे.

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