ब्रिटेन में भारत प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई का सामना कर रहे भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी यदि भारत लौटते हैं, तो उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में रहना होगा. उनके भारत लौटने का फैसला 25 फरवरी को ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट करेगी. लंदन की इस अदालत ने इस मामले में 8 जनवरी को सुनवाई पूरी कर ली.
नीरव के वकील ने दी खराब जेल की दलील
लंदन की वेस्टमिंस्टर जेल में मोदी की ओर से पेश वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने आर्थर रोड जेल में व्यवस्थाओं की कमियों को उनके बचाव की दलील के तौर पर पेश किया. उन्होंने कहा कि मुंबई में आर्थर रोड जेल में ऐसे प्रबंध नहीं हैं जो मोदी की मानसिक हालत के अनुरूप हों. इससे उनके आत्महत्या करने का जोखिम बढ़ता है.
अभी कहां है नीरव मोदी?
वर्तमान में नीरव मोदी लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में हैं. प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान भी वह अदालत वीडियो लिंक के माध्यम से इसी जेल से पेश हुए. पीएनबी धोखाधड़ी मामले की जांच कर रही भारतीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई के आग्रह के बाद 19 मार्च 2019 से मोदी लंदन के इस जेल में हैं.
आर्थर रोड जेल के बारे में भारतीय एजेंसियों ने क्या कहा
भारतीय जांच एजेंसियों ने ब्रिटेन की अदालत को बताया कि ऑर्थर रोड जेल मोदी की स्वास्थ्य परिस्थितियों को संभालने में सक्षम है. जेल के समीप ही तीन अस्पताल हैं. यदि मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो आर्थर रोड जेल में कारागार संख्या-12 उनके लिए पूरी तरह तैयार है. कारागार संख्या में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी का प्रबंध है. यह हवादार है. सभी मानकों को पूरा करती है.
इस जेल पहले भी रह चुके हैं नामचीन लोग
मुंबई की आर्थर रोड जेल पहले भी हाई-प्रोफाइल लोगों का ठिकाना रह चुकी है. शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता छगन भुजबल जेल की बैरक संख्या-12 में ही रहे हैं.
क्या हुआ सुनवाई के दौरान
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी वीडियो लिंक के माध्यम से पेश हुए. भारतीय जांच एजेंसियों की पैरवी करने वाली फर्म ‘द क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) ने अदालत में कहा कि मोदी ‘पोंजी’ जैसी योजना में शामिल थे और मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार हैं.
सीपीएस ने कहा कि मोदी ने बैंक अधिकारियों के साथ जालसाजी करने के बाद अपनी तीन कंपनियों डायमंड्स आर. अस, सोलर एक्सपोर्ट और स्टेलर डायमंड्स के माध्यम से बैंकों के साथ धोखाधड़ी की. इतना ही नहीं मोदी ने एक गवाह को जान से मारने की धमकी भी दी.
क्या है मामला
दरअसल ये पूरा मामला नीरव मोदी की तीन कंपनियों, उसके अधिकारियों, पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से की गई बैंक धोखाधड़ी का है. नीरव मोदी ने पीएनबी की बार्टी हाउस शाखा के अधिकारियों के साथ मिलकर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक फर्जी ऋणपत्रों के माध्यम से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया.
बाद में अन्य बैंकों के साथ धोखाधड़ी की जानकारी भी सामने आयी. सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान नीरव समेत उनकी पत्नी एमी मोदी, भाई निशल मोदी और अंकल मेहुल चौकसी को भी आरोपी बनाया है. इसके अलावा मोदी की सभी कंपनियों और बैंक अधिकारियों-कर्मचारी भी उसकी जांच के दायरे में हैं.