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तुर्की के ILKER AYCI नहीं होंगे AIR INDIA चीफ, PAK कनेक्शन पर उठे थे सवाल

आइची का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने के बाद भारत सरकार ने उनकी नियुक्ति पर आपत्ति व्यक्त की थी. इसके बाद ही लग रहा था कि अब आइची की नियुक्ति खटाई में पड़ सकती है.

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आइची ने ठुकराया ऑफर
आइची ने ठुकराया ऑफर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर सरकार को थी आपत्ति
  • आइची ने खुद ही ठुकराया टाटा का ऑफर

तुर्किश एयरलाइंस (Turkish Airlines) के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स के पूर्व चेयरमैन इल्केर आइची (Ilker Ayci) घरेलू विमानन कंपनी एअर इंडिया (Air India) के नए एमडी एंड सीईओ नहीं बनेंगे. उन्होंने टाटा संस (Tata Sons) से इस बारे में मिले ऑफर को ठुकरा दिया है. टाटा संस ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.

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पाकिस्तान कनेक्शन आने से अटका मामला

टाटा संस के बोर्ड ने हाल ही में एअर इंडिया का नियंत्रण संभालने के बाद आइची को इसकी जिम्मेदारी देने का फैसला किया था. टाटा संस के इस फैसले को भारत सरकार से मंजूरी नहीं मिल पाई थी. आइची का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने से सरकार उनकी नियुक्ति पर आपत्ति थी. सरकार की आपत्ति के बाद से ही इस बात का अंदेशा लग रहा था कि अब आइची नहीं बल्कि कोई और एअर इंडिया का एमडी बनेगा.

भारत में हुए विरोध के चलते ठुकराया ऑफर

ब्लूमबर्ग की एक खबर में आइची के बयान को कोट करते हुए कहा गया, 'मेरे अपॉइन्टमेंट पर भारतीय मीडिया ने कई तरह की खबरें चलाईं. इन्हें देखते हुए मैं इस निर्णय पर पहुंचा हूं कि जब इस तरह का नैरेटिव चल रहा हो तब पोजिशन एक्सेप्ट कर पाना सही या सम्मानजनक नहीं है.' इस खबर के बाद टाटा संस ने भी इस खबर की पुष्टि की. टाटा संस ने आज तक के सहयोगी चैनल इंडिया टुडे को बताया कि आइची ने एअर इंडिया के एमडी एंड सीईओ पद के ऑफर को ठुकरा दिया है.

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भारतीय मीडिया से आइची को शिकायत

आइची ने आगे कहा, 'टाटा समूह की एअर इंडिया में मेरी नियुक्ति का ऐलान फरवरी की शुरुआत में हुआ और मेरा कार्यकाल एक अप्रैल से शुरू होने वाला था. जब से मेरी नियुक्ति का ऐलान हुआ, मैं भारतीय मीडिया के एक धड़े में चल रही खबरों को तब से ही क्लोजली फॉलो कर रहा था. मैं देख रहा था भारतीय मीडिया का एक धड़ा मेरी नियुक्ति को जबरदस्ती कोई और रंग देने में लगा हुआ था. एक बिजनेस लीडर के नाते मैंने हमेशा पेशेवर रवैये को अपनाया है और इससे भी महत्वपूर्ण कि मुझे अपने परिवार की खुशियों व भलाई की फिक्र है. इन सब बातों को देखते हुए मैंने निर्णय लिया कि ऑफर को एक्सेप्ट करना सम्मानजनक नहीं है.'

संघ से जुड़े संगठन कर रहे थे विरोध

आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने पिछले सप्ताह कहा था कि आइची की नियुक्ति को सरकार की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए. मंच ने इसके लिए नेशनल सिक्योरिटी का हवाला दिया था. मंच के संयोजक अश्वनि महाजन ने तब बताया था कि सरकार भी इस मसले पर बेहद गंभीर है. दरअसल आइची का तुर्की के प्रेसीडेंट तैय्यब एर्दोआन से करीबी संबंध रहा है. जब आइची 1994 से 1998 के दौरान इस्ताम्बुल के मेयर थे, तब वह एर्दोआन के सलाहकार रहे थे.

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एविएशन सेक्टर में कई दशक का अनुभव

इल्केर आइची तुर्किश एयरलाइंस के चेयरमैन और बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं. वह 01 अप्रैल से Air India का कार्यभार संभालने वाले थे. उन्होंने ऑफर मिलने के बाद एअर इंडिया को आइकॉनिक एयरलाइन करार दिया था. उनके पास एविएशन सेक्टर में काम करने लंबा अनुभव है. टाटा संस भी आइची की नियुक्ति को लेकर उत्साहित था. हालांकि टाटा को अपनी नई एअरलाइन के लिए नए सिरे से सीईओ की तलाश करनी होगी.

 

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