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कोरोना संकट की वजह से पिछले साल आर्थिक तौर पर खासा नुकसान का सामना करने के बाद देश में अब हालात सुधरते दिख रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अगले साल 2022 में दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था के रूप में अनुमान लगाया है कि भारत में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि दर होगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान के मुताबिक भारत में यह वृद्धि दर 8.5 फीसदी तक पहुंच सकती है. जबकि अमेरिका में यह दर 5.2 फीसदी तक ही हो सकती है. खास बात यह है कि भारत को छोड़कर किसी भी अन्य देश में यह वृद्धि दर 6 फीसदी से ऊपर नहीं जाने का अनुमान जताया गया है.
IMF Projections: 2022
— IMF (@IMFNews) October 12, 2021
USA🇺🇸: 5.2%
Germany🇩🇪: 4.6%
France🇫🇷: 3.9%
Italy🇮🇹: 4.2%
Spain🇪🇸: 6.4%
Japan🇯🇵: 3.2%
UK🇬🇧: 5%
Canada🇨🇦: 4.9%
China🇨🇳: 5.6%
India🇮🇳: 8.5%
Russia🇷🇺: 2.9%
Brazil🇧🇷: 1.5%
Mexico🇲🇽: 4%
KSA🇸🇦: 4.8%
Nigeria🇳🇬: 2.7%
S. Africa🇿🇦: 2.2%https://t.co/j0FIiCr9li #WEO pic.twitter.com/SLNNQqHyt1
IMF की ओर से जारी आंकड़े कहते हैं कि पिछले साल कोरोना संकट की वजह से भारत में आर्थिक वृद्धि दर माइनस 7.3 फीसदी था जो इस साल 2021 में सुधर कर 9.5 फीसदी होने का अनुमान जताया गया. यह अनुमान भी दुनिया के किसी भी देश की तुलना में काफी ज्यादा थी. अब अगले साल 2022 में भी वृद्धि दर अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा रहने का अनुमान जताया गया है.
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भारत के बाद स्पेन में अच्छी आर्थिक स्थिति का अनुमान जताया गया है. पिछले साल यहां पर माइनस 10.8 फीसदी वृद्धि रही थी जो 2021 में सुधर कर 5.7 फीसदी होने का अनुमान जताया गया है और अगले साल 6.4 फीसदी होने का अनुमान है और यह भारत के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ सुधार माना जा रहा है.
तीसरे नंबर पर चीन है और इस देश में कोरोना संकट के बावजूद आर्थिक वृद्धि दर 2.3 फीसदी रही थी. इस साल इसके बढ़कर 8.0 फीसदी होने का अनुमान जताया गया और अगले साल इसके 6.3 फीसदी तक होने की उम्मीद जताई गई है.
अमेरिका की बात करें तो यहां भी आर्थिक स्थिति में सुधार दिख रहा है. 2020 में माइनस 3.4 फीसदी रहने के बाद इस साल 6.0 फीसदी होने का अनुमान जताया गया जबकि अगले साल यह वृद्धि दर 5.2 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है IMF ने.
अन्य एजेंसियों का क्या है अनुमान
इससे पहले फिच रेटिंग्स ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.7 फीसदी कर दिया. फिच ने जून में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान 10 फीसदी रहने का दिया था, जिसे घटाकर 8.7 फीसदी कर दिया गया है. एजेंसी का कहना है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से ये कटौती की गई है. हालांकि उसने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 10 फीसदी किया है.
इस बीच पिछले हफ्ते वर्ल्ड बैंक ने 2021-22 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 8.3 फीसदी लगाया जो दूसरी लहर के आने से पहले लगाए गए अनुमान के मुकाबले कम है. वर्ल्ड बैंक ने पहले करीब 10.1 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान दिया था.