
साहू ग्रुप (Sahu Group) पर टैक्स चोरी का आरोप है, और इसी कड़ी में साहू ग्रुप के ठिकानों में आयकर विभाग की टीम ने रेड डाली थी. अलमारियों में ठूंस-ठूंस कर नोटों की गड्डियां निकलने लगीं, जिससे आयकर विभाग की टीम भी हैरान हो गई. आयकर विभाग की ये दबिश तुरंत सुर्खियों में आ गई. क्योंकि इस छापे में राजनीतिक कनेक्शन था. ये छापेमारी कांग्रेसी राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों पर चल रही थी.
दरअसल, धीरज साहू के जुड़े ठिकानों पर 6 दिसंबर से IT की कार्रवाई शुरू हुई थी. इस छापेमारी कुल 351 करोड़ रुपये मिले हैं. जिसे अब तक की सबसे ज्यादा कैश बरामदगी तौर पर देखी जा रही है. ये कार्रवाई शराब से जुड़े कारोबार में टैक्स चोरी की आशंका में शुरू हुई थी. जिसमें आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के आरोप में शराब कारोबार से जुड़ी कंपनी समूह के ठिकानों पर छापे शुरू किए थे. जिसमें बौद्ध डिस्टीलरी प्राइवेट लिमिटेड, बलदेव साहू इन्फ्रा लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बिवरेज लिमिटेड नाम की कंपनियां शामिल हैं.
साहू परिवार का क्या-क्या है बिजनेस?
कांग्रेसी सांसद धीरज प्रसाद साहू का परिवार शराब कारोबार से जुड़ा है. बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप से झारखंड के लोहरदगा जिले की है. इस कंपनी ने 40 साल पहले ओडिशा में देशी शराब बनानी शुरू की थी. कंपनी की बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) की साझेदारी फर्म है. इसी कंपनी की बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड भी है. इसमें बलदेव साहू इन्फ्रा फ्लाई ऐश ईंटों का काम करती है, बाकी कंपनियां शराब कारोबार से जुडी हैं. इनकी टैक्स चोरी के शक में जांच एजेंसी ने झारखंड के रांची और लोहरदगा के अलावा ओडिशा के बलांगीर, संबलपुर, रायडीह इलाकों में कार्रवाई शुरू की थी.
बता दें, झारखंड और ओडिशा में ज्यादातर शराब कंपनियां धीरज साहू के परिवार की है. इसके अलावा धीरज साहू के कई अन्य बिजनेस भी हैं. रांची का मशहूर सफायर इंटरनेशनल स्कूल और हास्पिटल भी इनके परिवार द्वारा चलाया जाता है.
शराब कारोबार के अलावा भी बिजनेस
साहू परिवार का बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) एक ग्रुप है, जिसके अंदर कई कंपनियां हैं. बीडीपीएल ग्रुप का मुख्यालय ओडिशा में है. इस ग्रुप की 4 अलग-अलग कंपनियां 6 व्यावसाय में लगी हैं. बीडीपीएल समूह की हर कंपनियां निदेशक मंडल के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के तहत स्वतंत्र रूप से काम करती हैं. कंपनियों में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (ईएनए, सीओ2, डीडीजीएस), बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड (फ्लाई ऐश ब्रिक्स), क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड (आईएमएफएल बॉटलिंग) और किशोर प्रसाद बिजय प्रसाद बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड (आईएमएफएल ब्रांडों की बिक्री और विपणन) शामिल हैं.
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक साहू परिवार का करीब 125 साल से शराब कारोबार में वर्चस्व है, और झारखंड और ओडिशा में अधिकतर साहू परिवार की शराब फैक्ट्रियां हैं और रिटेल शॉप भी इन्हीं के नाम पर हैं. कंपनी का कहना है कि महुआ शराब को बेहतर तरीके से बाजार में पहुंचाने का काम भी कंपनी करती है, कंपनी के इस पहल से झारखंड और ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में लोगों की आमदनी बढ़ी है.
धीरज प्रसाद साहू का राजनीतिक सफर
दरअसल धीरज प्रसाद साहू राजनीति में भी बड़ा नाम है, धीरज साहू तीसरी राज्यसभा सांसद बने हैं. इसके अलावा वे चतरा लोकसभा सीट से भी दो बार कांग्रेस की टिकट चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. पहली बार धीरज साहू साल 2009 में हुए उपचुनाव में राज्यसभा सांसद बने थे. उसके बाद फिर 2010 में दूसरी बार और 2018 में तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे.
अगर घोषित संपत्ति की बात करें तो साल 2018 में राज्यसभा चुनाव के दौरान धीरज प्रसाद साहू ने जो शपथ पत्र चुनाव आयोग को दिया था, उसमें अपनी संपत्ति 34 करोड़ रुपये बताई थी. उन्होंने खुद पर 2.36 करोड़ रुपये का कर्ज भी घोषित किया था. जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के इनकम टैक्स रिटर्न में उन्होंने अपनी आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी. हलफनामे के अनुसार उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है.